सिवनी: कस्टम मिलिंग गडबडी की जांच में जुटी संयुक्त टीम, आवश्यकता से अधिक धान खरीदी करने वाले केंद्र की भी हो जांच

आवश्यकता से अधिक धान खरीदी करने वाले केन्द्रो की भी हो विधिवत जांच

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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सिवनी: कस्टम मिलिंग गडबडी की जांच में जुटी संयुक्त टीम, आवश्यकता से अधिक धान खरीदी करने वाले केंद्र की भी हो जांच

सिवनी: सिवनी जिले में धान उपार्जन के बाद से चल रही सतत जांच में कस्टम मिलिंग और स्लॉट बुकिंग की आड़ में हो रही भारी गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) की सक्रियता और जिला कलेक्टर के निर्देश पर अब संयुक्त जांच दल मिलर्स और उपार्जन केंद्रों की बारीकी से छानबीन कर रहा है।

कस्टम मिलिंग राईस मिलों में धान व चावल की कमी उजागर

संयुक्त जांच टीमों की पड़ताल में कई राइस मिलों में धान और चावल की भारी शार्टेज सामने आई है। अनुबंधित मिलों में जो धान भेजा गया था, वह या तो अधूरी मात्रा में चावल में बदला गया या फिर उसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। इससे साफ है कि मिलिंग प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गई हैं।

स्लॉट बुकिंग के नाम पर पंजीकृत किसान कोड का दुरुपयोग

धान उपार्जन केंद्रों पर स्लॉट बुकिंग की सुविधा किसानों के लिए लाभदायक होनी चाहिए थी, लेकिन इसका फायदा कुचिया व्यापारियों ने उठाया। किसानों के नाम पर पंजीयन और बोगस कोड डालकर, बिना अनाज लाए ही बिक्री की प्रविष्टि पोर्टल पर कर दी गई। इससे स्पष्ट होता है कि फर्जी बिक्री और भारी भ्रष्टाचार हुआ है।

अत्यधिक धान खरीदी करने वाले केंद्रों की जांच अनिवार्य

जिले के कुछ उपार्जन केंद्र जैसे कल्याणपुर, गुर्रा, पाठा, खामी, पिपरिया, लुहारा में औसत 35–40 हजार क्विंटल के बजाय 70–80 हजार क्विंटल तक धान की खरीदी दिखाना, संदेह पैदा करता है। ऐसे केंद्रों पर निश्चित ही भ्रष्ट तंत्र और सांठगांठ से कार्य हो रहा है।

महिला स्व-सहायता समूह के नाम पर चला ठेकेदारी खेल

महिला स्व सहायता समूहों को सरकार ने धान खरीदी का जिम्मा सौंपा था, लेकिन कुचिया व्यापारियों ने इन समूहों के नाम पर पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। बरघाट विकासखंड में कई केंद्रों पर महिलाएं सिर्फ नाममात्र की प्रभारी रहीं, जबकि पूरा कार्य ठेके पर चलाया गया। महिलाओं को यहां तक नहीं मालूम कि कितनी मात्रा में धान खरीदी हुई।

कुचिया व्यापारी को मिली VIP सुविधाएं

कुचिया व्यापारी को खाली बारदाने के बंडल घर पर पहुंचाना, हाथ सिलाई की बोरी में अनाज तौल कर सीधे केंद्र पर भेजना, पूर्व में पोर्टल एंट्री कर लेना, ये सभी सुविधाएं साफ तौर पर सिस्टम की मिलीभगत दर्शाती हैं। कल्याणपुर केंद्र पर बिना टेग लगे बोरियों का मामला भी धूल झोंकने जैसा साबित हुआ।

हम्माल और मजदूरों का हुआ शोषण

प्रत्येक क्विंटल पर 15–16 रुपये हम्माल, टैग, सिलाई हेतु खर्च के लिए मिलते हैं, लेकिन जब अनाज केंद्र पर आया ही नहीं, और घर से सिलाई की बोरियां पहुंच गईं, तो मजदूरों और हम्मालों को कुछ भी भुगतान नहीं मिला। इस धनराशि का गबन सहकारी समितियों और समूहों द्वारा किया गया।

उपार्जन केंद्रों की खरीदी में भारी असंतुलन

जहां कुचिया व्यापारी प्रभावी थे, वहां खरीदी 50 हजार क्विंटल पार कर गई, वहीं अन्य केंद्रों पर 20 हजार क्विंटल भी नहीं पहुंचे। उदाहरण स्वरूप, आष्टा केंद्र जहां 50 हजार क्विंटल का रिकॉर्ड था, वह 20 हजार तक सीमित रहा, जबकि पिपरिया जैसे केंद्र, जो आष्टा समिति के अधीन है और जहाँ कुचिया व्यापारी प्रभावी था, 70 हजार क्विंटल का आंकड़ा पार कर गया।

मिलर्स को जारी डिलीवरी ऑर्डर (ARO) में नगदी खेल

जब खरीदी केंद्र पर अनाज उपलब्ध नहीं था, तो डिलीवरी ऑर्डर (ARO) जारी कर, नगद भुगतान कर मामला बंद किया गया। इस तरह कागजों पर ही धान की खरीदी दिखा कर, ARO का नकदी लेन-देन में इस्तेमाल किया गया।

प्रभावित हुए अन्य उपार्जन केंद्र

ऐसे केंद्र जिन पर पूर्ण पारदर्शिता रही, वे इस गड़बड़ी से प्रभावित हुएस्लॉट बुकिंग के चलते वहां किसानों की खरीदी सीमित रही, जिससे वे समय पर उपज बेच नहीं पाए। यह परिस्थिति किसानों के लिए नुकसानदायक सिद्ध हुई है और प्रशासन को इसके प्रति सजग होने की आवश्यकता है।

संयुक्त जांच दल की जांच से निकल सकती हैं बड़ी अनियमितताएं

जिला कलेक्टर के निर्देश पर चल रही संयुक्त जांच टीमों की कार्यवाही से आने वाले समय में कई बड़े नाम और घोटाले सामने आ सकते हैं। कस्टम मिलिंग, फर्जी पंजीयन, बोगस स्लॉट बुकिंग, ARO का दुरुपयोग जैसे मामलों में यदि जांच निष्पक्ष रही, तो कई दोषी सलाखों के पीछे भी पहुंच सकते हैं।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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