सिवनी। कटरा लेंड डेवलेपर्स एवं धनश्री एसोसिएट सिवनी द्वारा दस्तावेजों में कूटरचना कर शासन एवं आम जनों से धोखाधड़ी करने पर कार्यवाही की शिकायत कलेक्टर सिवनी, पुलिस अधीक्षक एवं नपा सीएमओ से की गई है।
शिकायत में बताया गया कि मैनेजिंग प्रो.प्रा. सुनील पिता भवनलाल नाहर अकबर वार्ड निवासी द्वारा सिवनी की पटवरी हल्का नंबर १०३/१४ के अंतर्गत कुल रकबा ३.३८० हेक्ट. पर चन्द्रप्रभा नगर कालोनी निर्मित करने के लिए कालोनाइजर लायसेंस प्राप्त किया गया था।
भूमि 14 एकड़ थी जहां तात्कालीन के्रता व विक्रेता द्वारा विक्रय पत्र निष्पादन के समय रजिस्टार कार्यालय में प्रस्तुत नक्शे में कूटरचना कर यहां मौजूद प्राचीन सूर्य मंदिर एवं दो पक्के कुएं का उल्लेख किये बिना रजिस्ट्री करवा ली गई। उपरोक्त भूमि के क्रय करने के पूर्व खसरा नंबर 29 के राजस्व अभिलेखों में मंदिर के नाम पर 4600 वर्गफिट भूमि एवं दो कुएं इन्द्राज है, कुए 3000 वर्गफिट पर निर्मित थे इस तरह 7600 वर्गफिट भूमि होती है।
कॉलोनाइजर ने जानबूझकर शासन को धोखा देने के लिए टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग, राजस्व विभाग, नपा सिवनी एवं कॉलोनी प्लाट क्रय करने वाले क्रेताओं के नक्शे में कूटरचना कर अपराधिक कृत किया है और यह जालसाजी आज भी जारी है।
उपरोक्त भूमि के प्रथम नक्शे में कूटरचना उस समय की गई जब भूमि क्रय की जा रही थी, जहां पंजीयन कार्यालय में प्रस्तुत नक्शे में सूर्य मंदिर व मंदिर परिसर का तो उल्लेख है लेकिन कुओं को विलोपित कर दिया गया ताकि निर्माण अनुमति प्राप्त करने के लिए सूर्य मंदिर व कुएं बाधक न बने।
आरोप लगाया गया कि कॉलोनाइजर ने टाऊन एंड कंट्री विभाग से अनुमति प्राप्त करने एवं डायवर्सन करने के लिए जो नक्शा प्रस्तुत किया और स्वीकृति ली गई उसमें प्लाट ऐरिया 240287 वर्ग फिट, ओपन एरिया 37000 वर्ग फिट, सड़क का एरिया 77000 वर्गफिट एवं सार्वजनिक उपयोग की भूमि 10,000 वर्ग फिट दर्शाई गई।
वर्तमान स्थिति में इसमें से 47000 वर्ग फिट भूमि का चंद्रप्रभा कॉलोनी में कोई अस्तित्व नहीं है जहां कॉलोनाइजर ने प्लाट निर्मित कर विक्रय कर डाले। इसके अलावा पांच स्थानों पर खुला क्षेत्र एवं गार्डन का उल्लेख किया गया था लेकिन उसका अस्तित्व भी अब मौजूद नहीं है।
शिकायत कर्ता मुनिया टांक, रोहित साहू एवं मुकेश सोनी ने बताया कि जिस नक्शे का अनुमोदन टीएंडसी तथा नगर पालिका परिषद सिवनी चंद्रप्रभा कालोनी के तौर पर किया गया है उसमें बताये गये विक्रय क्षेत्र से अधिक क्षेत्रफल की भूमि का कॉलोनाइजर सुनील नाहर आज भी प्लाट काटकर विक्रय कर रहा है।
इसके अलावा छोड़े गये ईडब्लूएस के प्लाटों की राशि भी सक्षम अधिकारी के आदेश से कम कराकर जमा की गई है जो शासन को क्षति पहुंचाने का काम है। कालोनी में सार्वजनिक उपयोग की 10 हजार वर्ग फिट की छोडऩा दर्शाया गया था लेकिन परिषद में इन प्लाटों को ही बंधक बताकर कालोनाइजर ने नियम विपरीत कृत्य शासन को धोखा देने की दृष्टि से किया है जो आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है।
अधिकारियों से निवेदकों ने अनुरोध किया है कि कॉलोनाइजर ने विभिन्न नक्शों की कूटरचना कर तथ्यों से छेड़छाड़ के आधार पर भूमि क्रय, कॉलोनी के नक्शे का अनुमोदन, सार्वजनिक उपयोग एवं ईडब्ल्यूएस के प्लाटों की हेराफेरी व स्वामित्व से अधिक के प्लाटों का विक्रय कर अपराधिक कृत्य किया है जिसकी जांच कर प्रकरण दर्ज किया जाना अपेक्षित है।