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सिवनी: भीमगढ़ बांध के खुले गेट, 10,000 घन फीट प्रति सेकंड से छोड़ा जा रहा पानी; प्रतिमा विसर्जन में बरतें सावधानी!

By SHUBHAM SHARMA

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Seoni Bhimgarh Bandh: एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध हुआ लबालब, आज खोले जायेगे गेट

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Seoni News: संजय सरोवर जलाशय, जिसे भीमगढ़ बांध के नाम से भी जाना जाता है, मध्य प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण जलाशयों में से एक है। इस जलाशय का मुख्य उद्देश्य सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और बिजली उत्पादन है। वर्तमान में तिलवारा बायीं तट नहर जल संसाधन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जलाशय के जल संग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा के चलते जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। जल स्तर नियंत्रण और जल निकासी की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।

भीमगढ़ बांध की विशेषताएं और इसके महत्व

भीमगढ़ बांध, जिसे संजय सरोवर जलाशय के नाम से जाना जाता है, मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में स्थित है। इस बांध की निर्माण क्षमता 500 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक है, जो इसे राज्य के सबसे बड़े जलाशयों में से एक बनाती है। भीमगढ़ बांध न केवल सिंचाई के लिए बल्कि जल विद्युत उत्पादन और पेयजल आपूर्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, इस बांध का उपयोग बाढ़ नियंत्रण और निचले क्षेत्रों में जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भी किया जाता है।

वर्तमान स्थिति: जल स्तर और जल निकासी की आवश्यकता

12 अक्टूबर 2024 को प्रातः 10:30 बजे से तिलवारा बांध के जल द्वार खोले जाने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय भीमगढ़ जलाशय के जल स्तर को स्थिर बनाए रखने के लिए लिया गया है। हाल की बारिश के कारण बांध में जल की आवक में काफी बढ़ोत्तरी हुई है, जिसके चलते जल द्वार (Gate) खोलकर 10,000 घन फीट प्रति सेकंड (283 क्यूमेक्स) जल की निकासी की जा रही है। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक जल स्तर नियंत्रित नहीं हो जाता।

जल निकासी का प्रभाव और सुरक्षा उपाय

भीमगढ़ जलाशय से जल निकासी के दौरान निचले इलाके के निवासियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। जल द्वार खुलने के बाद जल स्तर में अचानक वृद्धि हो सकती है, जिससे नदियों में जल बहाव तेज हो सकता है। ऐसे में लोगों से निवेदन किया गया है कि वे नदियों और जल निकासी वाले क्षेत्रों से दूरी बनाए रखें। यह कदम स्थानीय प्रशासन और जल संसाधन विभाग द्वारा नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

बांध के निचले इलाके के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश

  • नदी किनारे न जाएं: जल द्वार खुलने के बाद नदियों में जल प्रवाह की तीव्रता में बढ़ोत्तरी होगी, जिससे खतरे की संभावना बनी रहती है।
  • सतर्कता बनाए रखें: जल निकासी के दौरान प्रशासन द्वारा जारी की गई चेतावनियों और निर्देशों का पालन करें।
  • अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें: किसी भी अनावश्यक गतिविधि से बचें जो आपकी सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है।

भीमगढ़ बांध: जल निकासी की प्रक्रिया और तकनीकी जानकारी

भीमगढ़ बांध से जल निकासी की प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित प्रणाली के तहत होती है। बांध में लगे जल द्वारों को नियंत्रित करने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जिससे जल स्तर को नियंत्रित किया जा सके। जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, जल द्वार खुलने के बाद प्रति सेकंड 10,000 घन फीट जल की निकासी की जा रही है, जो कि जलाशय के क्षमता और निचले क्षेत्रों में जल प्रवाह की स्थिति को ध्यान में रखते हुए तय की गई है।

जल निकासी की प्रक्रिया का महत्व

  • सिंचाई: जल निकासी से तटीय क्षेत्रों में सिंचाई के लिए जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है।
  • पेयजल आपूर्ति: जलाशय से निकाला गया जल विभिन्न क्षेत्रों में पेयजल के रूप में भी वितरित किया जाता है।
  • बाढ़ नियंत्रण: जल स्तर को नियंत्रित करने और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जल निकासी आवश्यक होती है।

जल संसाधन विभाग की तैयारी और सुरक्षा प्रबंध

जल संसाधन विभाग ने बांध के आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। बांध के निचले इलाके में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा बाढ़ से प्रभावित हो सकने वाले क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी की गई है। साथ ही, जल संसाधन विभाग लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कदम उठाने के लिए तैयार है।

बाढ़ प्रबंधन और आपदा प्रबंधन टीम की भूमिका

जल निकासी के दौरान आपदा प्रबंधन की टीम पूरी तरह से सक्रिय है। किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम को तैनात किया गया है। नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का सख्ती से पालन करें और किसी भी अफवाह या गलत जानकारी से बचें।

संजय सरोवर जलाशय (भीमगढ़ बांध) से जल निकासी की प्रक्रिया एक नियमित और आवश्यक कदम है, जो न केवल जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए बल्कि निचले क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है। जल संसाधन विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों और सुरक्षा उपायों का पालन करना सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य है। यह कदम न केवल आपकी सुरक्षा के लिए बल्कि पर्यावरण और जल संसाधन के प्रबंधन के लिए भी आवश्यक है।

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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