सिवनी: धान खरीदी केंद्रों में धान का परिवहन तथा भंडारण समय पर न होने से किसानों को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। परिवहन में हो रही देरी के कारण किसानों के खरीदी केंद्रों में तौली गई धान का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है। बरघाट विकासखंड समेत कई इलाकों में यह समस्या बढ़ती जा रही है, जिससे किसानों की स्थिति और भी दयनीय होती जा रही है।
धान खरीदी केंद्रों में परिवहन व्यवस्था की समस्या
धान खरीदी केंद्रों में हजारों क्विंटल धान परिवहन के लिए पड़ी हुई है।
- कुछ केंद्रों पर ट्रकों की अधिक संख्या में उपलब्धता है, जबकि अन्य केंद्रों में स्थिति यह है कि पांच ट्रक भी समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।
- यह असमानता अक्सर राजनीतिक प्रभाव और केंद्र प्रभारी की सैटिंग के कारण हो रही है।
- मिलर्स और परिवहनकर्ता अपनी सहूलियत के हिसाब से ट्रक उपलब्ध करा रहे हैं, जिससे छोटे और हाशिए पर खड़े किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
मिलर्स की सैटिंग से बढ़ रही समस्या
धान खरीदी केंद्रों से धान के उठाव की जिम्मेदारी पहले मिलर्स को सौंपी गई थी।
- लेकिन समय पर उठाव न होने की स्थिति में परिवहनकर्ताओं को जोड़ा गया।
- अब मिलर्स और परिवहनकर्ता भी धान उठाने में अपनी प्राथमिकता तय कर रहे हैं।
- कुछ केंद्रों में 50% धान का परिवहन हो चुका है, जबकि कई केंद्रों पर 5% भी परिवहन नहीं हो पाया है।
- इस असमानता के चलते महिला स्व सहायता समूह भी परेशान हो रही हैं, जो इस कार्य में लगी हुई हैं।
पुराने बारदाना से जुड़े विवाद
धान खरीदी केंद्रों में पुराने बारदाने का उपयोग शासन के निर्देश पर किया जा रहा है।
- लेकिन मिलर्स पुराने बारदाने में भरी धान उठाने से परहेज कर रहे हैं।
- नए बारदाने की मांग बढ़ती जा रही है, जबकि पुराने बारदाने की स्थिति बेहद खराब है।
- बरघाट विकासखंड और अन्य केंद्रों में मिलर्स द्वारा प्रदान किए गए बारदाने इतने खराब हैं कि वे धान की बोरियां जमीन पर रखते ही फट जा रहे हैं।
- इससे न केवल धान खराब हो रही है, बल्कि किसानों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा है।
धान भुगतान में हो रही देरी
धान खरीदी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, तौल के सात दिन के भीतर भुगतान किया जाना चाहिए।
- लेकिन जब परिवहन में ही महीनों लग रहे हैं, तो किसानों को समय पर भुगतान कैसे मिलेगा?
- भुगतान में हो रही इस देरी से किसानों की आर्थिक स्थिति और खराब हो रही है।
- कई किसान अपनी अन्य फसलें बोने के लिए भी समय पर धन नहीं जुटा पा रहे हैं।
धान भंडारण की अनियमितताएं
धान का सही तरीके से भंडारण न होने के कारण यह समस्या और भी जटिल हो गई है।
- फटे बारदाने में भरी धान खुले में पड़ी हुई है, जिससे यह खराब हो रही है।
- शासन और मिलर्स के बीच तालमेल की कमी के चलते किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
- भंडारण और परिवहन की इस अव्यवस्था का सीधा असर किसानों की आय पर पड़ रहा है।
किसानों के लिए तत्काल समाधान की जरूरत
किसानों की समस्याओं को देखते हुए तत्काल समाधान की जरूरत है।
- परिवहन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए।
- मिलर्स और परिवहनकर्ताओं को कड़े निर्देश दिए जाएं।
- नए बारदाने की व्यवस्था समय पर हो और पुराने बारदाने की गुणवत्ता में सुधार किया जाए।
- किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति स्थिर बनी रहे
धान का परिवहन और भंडारण समय पर न होने से किसानों को आर्थिक और मानसिक तनाव झेलना पड़ रहा है। यह समस्या केवल प्रशासनिक लापरवाही की वजह से नहीं, बल्कि सैटिंग और अनियमितताओं के कारण और बढ़ गई है। किसानों की मेहनत को व्यर्थ जाने से बचाने के लिए शासन और संबंधित अधिकारियों को त्वरित और ठोस कदम उठाने चाहिए।