सिवनी। मठ मंदिर प्रागंण से महाशिवरात्रि पर्व पर शाम को भगवान भोलेनाथ की बारात विधि विधान के साथ निकाली गई। बरात में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद थे।
वही शिव की बारात जब शंकर मडिया के सभी पहुंची तब इंद्रदेव में भी हल्की बारिश कर शिव की बारात में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। हल्की फुल्की बारिश के बीच में भी नाचते कूदते शिव के बारातीगण का उत्साह कहीं कम नहीं हुआ।
मठ मंदिर वर पक्ष रहा जबकि वधु पक्ष की ओर से श्रीगणेश मंदिर समिति छिन्दवाड़ा चौक आयोजन में शामिल हुई। विवाह समारोह मठ मंदिर प्रागंण में आयोजित हुआ।
देवाधिदेव महादेव व माता पार्वती के प्रतित्माक विवाह के लिए लिकाली गई बारात में भूत प्रेतों के साथ बैंड बाजों व शैला गु्रपों व डीजे के साथ बारात मठ मंदिर प्रागंण से एलआईबी चौक, दुर्गा चौक से होती हुई नेहरू रोड़ पहुंची।यहां अनेक स्थानों पर बारातियों का स्वागत किया गया।नगर पालिका चौक से बारात छिन्दवाड़ा चौक होते हुए फिर मठ मंदिर प्रागंण पहुंची।यहां देर शाम पूर्ण विधि विधान के साथ माता प्रार्वती व भगवान महादेव का विवाह हुआ।
जिले में महाशिवरात्रि पर मंगलवार को शिवालयों में श्रद्धालु उमड़ पड़े। शिवलिंग पर जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक व पूजन कर भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगाए। दो साल बाद कोरोना संक्रमण के भय से मुक्त होकर श्रद्धालु भक्ति में डूबे नजर आए।इससे जिलेभर में माहौल भक्तिमय रहा।
सिद्धपीठ मठ मंदिर, गुरूरत्नेश्वर धाम दिघौरी, महाकालेश्वर, शंकर मढि़या, बरघाट रोड स्थित शिव मंदिर, शनिधाम पलारी समेत सभी देवालयों में भक्तों की भीड़ नजर आई।बेलपत्र, धतूरा, पुष्प, जल व दूध का अभिषेक करने के लिए देवाधिदेव के दरबार में श्रद्धालुओं की लंबी देखने मिली।
महाकालेश्वर धाम के पुजारी राघवेंद्र शास्त्री ने बताया है कि महाशिवरात्रि के दिन मंगलवार को सुबह से अभिषेक पूजन किया गया। यहां स्थापित 108 शिवलिंग की विधि विधान से पूजन व अभिषेक किया गया।।साथ ही मेले का आयोजन भी यहां हुआ।उन्होंने बताया है कि दूर-दूर से श्रद्धालु महाकालेश्वर धाम में भगवान भोलेनाथ के दर्शन व पूजन करने पहुंचे।
मुख्यालय से नागपुर रोड पर पलारी गावं की पहाडिय़ों में स्थित शनिधाम परिसर में दोपहर शिवार्चनम व रूद्राभिषेक शिवालय में आयोजित गया।यहां भी सुबह से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
जिला युवा संधि समाजसेवी संस्था द्वारा महाकालेश्वर बोरदई टेकरी में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी महाशिवरात्रि पर्व पर पूजन पाठ कर महाप्रसाद का वितरण किया गया। साथ ही प्याऊ की व्यवस्था भी की गई।शिवरात्रि पर बोरदई टेकरी महाकालेश्वर मंदिर में खीर व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई।
इसी तरह राधे-राधे संकीर्तन मंडल के तत्वाधान में महाशिवरात्रि पर स्थानीय मठ मंदिर में सुबह से भजन व संकीर्तन के बाद फलाहारी भंडारे का प्रसादी वितरण का आयोजन किया गया।वहीं दोपहर के समय 151 किलो दूध की फलाहारी खीर का वितरण महाकालेश्वर मंदिर बोरदेही टेकरी में किया गया।
लखनादौन क्षेत्र में स्थित मठघोघरा महाशिवरात्रि पर मेले जैसा माहौल रहा।शिवशक्ति जनसेवा समिति ने मठघोघरा के भगवान भोले नाथ को 151 किलो त्रिशूल चढाया।बरघाट के जेवनारा गांव में शिवरात्रि पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन शुरू हुआ।इसमे दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंचे।
जगह-जगह हुए भंडारे – महाशिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया गया। शहर के मठ मंदिर, महाकालेश्वर धाम, शनि मंदिर, शंकर मढ़िया, सुनारी मोहल्ला स्थित शिव मंदिर, लूधरवाडा स्थित शिव मंदिर, कटंगी रोड मोक्ष धाम स्थित अर्ध नागेश्वर की विशाल प्रतिमा के पास व अनेक देवालयों में आयोजित हुए भंडारे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
कोरोना के लॉकडाउन के बाद महाशिवरात्रि में हर शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
महाशिवरात्रि पर्व में नगर समेत जिले भर के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ रही।
कोरोना कॉल में लॉकडाउन के चलते लोगों ने अपने आप को घरों में जहां कैद कर लिया था, वही कोरोना बीमारी में लगातार तेजी से गिरावट होने के चलते और शासन द्वारा छूट दिए जाने पर मंदिरों में अपार भीड़ देखने को मिली।
कटंगी रोड बोरदई टेकरी स्थित महाकालेश्वर धाम में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
महाशिवरात्रि पर लगा मेला – महाकालेश्वर धाम के पुजारी राघवेंद्र शास्त्री ने बताया है कि महाशिवरात्रि के दिन मंगलवार को सुबह से अभिषेक पूजन किया गया। यहां स्थापित 108 शिवलिंग की विधि विधान से पूजन व अभिषेक किया गया।साथ ही मेले का आयोजन भी हुआ। उन्होंने बताया है कि दूर-दूर से श्रद्धालु महाकालेश्वर धाम में भगवान भोलेनाथ के दर्शन व पूजन करने पहुंचे। यहां जो भी सच्चे मन से आता है उसकी मनोकामना पूरी होती है।