सिवनी, धारनाकला (एस.शुक्ला): किसानो से जुडी सेवा सहकारी समितियों मे किसानो के नाम पर किस तरह फर्जीवाड़ा किया जाता है यह सब कुछ सेवा सहकारी समिति उडेपानी मे देखा जा सकता है.
जिस समिति मे किसान के द्वारा कर्ज न लेने पर भी उसे कर्जदार बना दिया गया तथा उपरोक्त किसान का नाम भी मध्य प्रदेश सरकार की ब्याज माफी योजना मे जुड गया.
इससे अन्दाजा लगाया जा सकता है किसानो से जुडी सहकारी समितियो मे किस तरह संस्था के जवाबदार गलत तरीके से किसानो के नाम पर कर्ज की खाना पूर्ति करते है.
यह है मामला: उल्लेखनीय है उडेपानी सेवा सहकारी समिति के अन्तर्गत ग्राम धारनाकला के रहने बिहारी चौधरी की जमीन है. यह उस छेत्र के कृषक भी है. जिनके द्वारा सेवा सहकारी समिति उडेपानी से कृषि रकबे पर किसी प्रकार का कर्ज न लेने पर भी किसान का नाम कर्जदार की सूची मे आ गया.
यही नही मध्य प्रदेश सरकार की ब्याज माफी योजना मे किसान का नाम जुड गया. इसके बाद जब सेवा सहकारी समिति के प्रबन्धक के द्वारा सम्बंधित कृषक से आधार कार्ड भी मागं की जाने लगी तब कृषक बिहारी चौधरी द्वारा आपत्ति जाहिर की गई तथा उच्च अधिकारियो को भी इस सम्बंध मे अवगत कराया गया किन्तु सम्बंधितो द्वारा इस मामले को गम्भीरता से न लेना समझ से परे है.
समिति प्रबंधक ने आनन फानन मे कृषक को किया पत्र जारी
उल्लेखनीय है की जब कृषक बिहारी चौधरी के द्वारा आपत्ति जाहिर की गई तो समिति प्रबंधक ने कृषक के नाम पत्र लिखकर Whatsapp पर भेजा की आपके द्वारा 4/9/2018 को 60763 रपये का ऋण समिति उडेपानी से लिया गया था.
आपने अपने साले हेमन्त टेमरे को यह खाद दिया था मेरे द्वारा इस सम्बध्द मे फोन से चर्चा की गई थी आपने सहमति प्रदान कर दी थी. उक्त कर्ज की राशि दिनांक 5/5/2022 को मूलधन 60763 तथा ब्याज 19237 योग 80000 रूपये रसीद कृमाक 1700/100 पर जमा कर दिया गया है. किन्तु मेरे द्वारा रोकड पोष्टिग मे भूल वश उक्त राशि जमा नही दर्शायी गई इस कारण मुख्य भेजी गई ब्याज माफी मे दर्शाया गया अतः आपके उपर समिति उडेपानी का कोई बकाया नही है.
जबकि कृषक के कृषि खाते मे ऋण को लेकर इसके पूर्व भी कर्ज न लेने की बहस पर समिति प्रबंधक द्वारा 23/5/2022 को प्रमाणित करते हुऐ लिखा गया था की कृषक पर कोई कर्ज बाकि नही है और उसे समिति से रसीद काटकर भी प्रदाय की गई थी ऐसी स्थिति मे ञण की राशि समिति खाते मे लेने मे कैसे चूक हो सकती है समझ से परे है.
शासन से जब भी किसान को लाभ मिलता है तभी आते है ऐसे मामले सामने
यहा यह भी उल्लेखनीय है की जब भी कृषक के हित मे योजनाए तथा लाभ सामने आते है तभी सहकारी समितियो के मामले सामने आते है चूकि शासन के नियमो के तहत कृषको की लिस्ट सार्वजनिक रूप से सामने होती है और यह पहला मामला नही ऐसे अनेको मामले इसके सहकारी समितियो के सामने आ चुके है.
चाहे वह किसान के कर्ज माफी की हो बीमा की हो अथवा ब्याज माफी की हो किन्तु इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई न होने से अन्न दाता किसान के साथ छलावा होते ही रहेगा. क्या जिले के संवेदन शील जिला कलेक्टर इस दिशा मे ठोस कार्रवाई करेगे