सिवनी-जिला सिवनी की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष न्यायालय द्वारा वर्ष के अंतिम दो दिन पहले , भ्रष्टाचार के मामले प्रधान आरक्षक को सजा सुनाई है.
जिसके बारे में मीडिया सेल प्रभारी मनोज सैयाम द्वारा बताया गया की , आवेदक केवल सिंह राय द्वारा मैग्मा कंपनी से वाहन फाइनेंस कराया गया था जिसकी किस्त समय पर ना चुका पाने के कारण कंपनी द्वारा वाहन सीज कर बेच दिया गया था । फाइनेंस कंपनी दवारा आवेदक के विरुद्ध कोलकाता ,पश्चिम बंगाल में चीफ मेट्रो पोलिटन मजिस्ट्रेट ,कोलकाता की न्यायालय में शेष राशि वसूली हेतु वाद दायर किया गया था ।
न्यायालय द्वारा पेनल्टी रिकवरी हेतु आवेदक केवलसिंह के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था । इसके पूर्व भी आवेदक के भतीजे अभिषेक राय एवं महमुद अली का भी कोलकाता से इसी प्रकार का वारंट जारी हुआ था तब भी आरोपी प्रधान आरक्षक राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी के द्वारा अभिषेक राय एवं महमुद अली से 10000 रुपयें लेकर फर्जी फरारी पंचनामा बनाकर कोलकाता न्यायालय भेज दिया गया था ।
इसी प्रकार जब आवेदक केवल सिंह राय का गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ तो , उसे गिरफ्तार करने की बजाएं उसके फरार हो जाने के पंचनामा बनाने के एवज में 10000/- रुपयें रिश्वत की मांग कर रहा था । और न देने पर गिरफ्तार करने की धमकी दे रहा था । जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा आरोपी के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर को की गई थी । जिस पर दिनांक 16/02/2016 आरोपी प्रधान प्रधान आरक्षक राजेश प्रसाद द्विवेदी को प्रार्थी से 5000/- रुपयें रिश्वत लेते छपारा में लोकायुक्त पुलिस द्वारा रंगे हाथ पकड़ा गया। और मामला न्यायायल में पेश किया था ।
जिसकी सुनवाई – माननीय श्री राजर्षि श्रीवास्तव, विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ) की न्यायालय मे की गई। जिसमें शासन की ओर से श्री नवल किशोर सिंह सहायक जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा पैरवी की गई। जिसमें सबूतों एवं गवाहों के आधार पर आरोपी राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी को धारा-07 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में- 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा- 13(2), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किए जाने का निर्णय सुनाया है ।