सिवनी: सिवनी बालाघाट रोड वर्तमान में दुर्घटनाओं का केंद्र बन चुका है, क्योंकि इस रोड में ऐसी भीषण दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं जिनमें या तो परिवार का मुखिया काल के गाल में समा रहा है या परिवार का जवान पुत्र। सिवनी बालाघाट रोड में आवागमन का दबाव कहें या सिवनी बालाघाट रोड की लचर व्यवस्था अथवा सकरी रोड, आये दिन दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है।
किन्तु आवागमन के भारी दबाव के चलते न ही इस रोड का सही ढंग से मरम्मत कार्य हो रहा है और न ही रोड के चौड़ीकरण को लेकर प्रशासन गंभीर है। हमारे जिले तथा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी इस रोड में हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर सजग नहीं हैं। चंद दिनों में ही दर्जनों युवकों की जान जा चुकी है, इसके बावजूद इस रोड के कायाकल्प की दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
ट्रक और कमांडर भिडंत में मृत महिलाओं की उठी एक साथ अर्थियां
अभी महीना भी नहीं बीता था कि बोलेरो और बस की सीधी भिडंत में दो युवकों की जान गई थी। बीती रात भी ट्रक और कमांडर की सीधी भिडंत में गरीब मजदूर परिवार की महिलाएं भीषण दुर्घटना की शिकार हो गईं, जिनकी अर्थियां भी गमगीन माहौल में धारनाकला में एक साथ निकलीं।
कमांडर में सवार अन्य गरीब परिवार की महिलाएं जिंदगी और मौत से जूझ रही हैं, जिनका उपचार बरघाट अस्पताल तथा सिवनी में संभव न होने की स्थिति में नागपुर रिफर कर दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ दुर्घटना में घायल रेखा बाई पति राजेन्द्र की हालत गंभीर होने के कारण जबलपुर रिफर किया गया है।
दुर्घटना में मृत जीरनबाई तथा केशरबाई के अतिरिक्त गंभीर रूप से घायल विमला पति देवचंद, विमला पति धनराज सहारे, रेखा पति राजेन्द्र मेश्राम, नाज पिता राजेन्द्र, पुष्पा एवं कमांडर चालक राजकुमार एवं मुन्ना बेहरे का उपचार प्रारंभ है, जो जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। इसके पूर्व भी सड़क दुर्घटना में आधा दर्जन से अधिक युवाओं की जानें जा चुकी हैं, किन्तु राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण सिर्फ घोषणाओं तक सीमित रह गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग को लेकर हुआ सत्याग्रह
सिवनी बालाघाट रोड पर लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर क्षेत्र के युवाओं तथा युवा कांग्रेस द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के शीघ्र निर्माण को लेकर सत्याग्रह भी किया गया तथा राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया था। किन्तु एक सप्ताह भी नहीं बीता कि बरघाट थाना क्षेत्र के अंतर्गत ही धारनाकला बेहरे के बीच दूसरा भीषण सड़क हादसा सामने आ गया और दो महिलाओं की फिर जान चली गई।
वैसे सिवनी बालाघाट रोड के चौड़ीकरण को लेकर प्रति वर्ष ज्ञापन तथा युवाओं द्वारा रैली निकालकर शासन का ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास किया गया है, किन्तु रोड के चौड़ीकरण को लेकर सिर्फ झूठी घोषणाएं ही अब तक सामने आई हैं।
मरम्मत के नाम पर टोल वसूली जरूर प्रारंभ
सिवनी बालाघाट रोड के निर्माण को लेकर वर्तमान सांसद भारती पारधी ने जरूर संसद में मांग उठाई है तथा सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी मिलकर सिवनी बालाघाट रोड के चौड़ीकरण तथा राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का प्रस्ताव रखा है।
किन्तु इसके पूर्व भी सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन द्वारा सिवनी बालाघाट रोड के निर्माण की स्वीकृति की बात सामने आई थी, किन्तु एक वर्ष से ऊपर का समय बीतने के बाद भी सिवनी बालाघाट रोड के निर्माण की रूपरेखा सामने नहीं आई है।
किन्तु रोड की मरम्मत के नाम पर एमपीआरडीसी का टोल नाका जरूर प्रारंभ हो गया, जिसका विरोध भी सिवनी जिले में खुलकर हुआ। किन्तु सकरी रोड, साइड शोल्डर में भारी नाली, जगह-जगह रोड में गड्ढे, अनेक दुर्घटनाएं, किन्तु टोल नाका में वसूली जरूर चलती रही।