सिवनी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि उप स्वास्थ्य केद्र छतरपुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम मुण्डरई खुर्द निवासी 15 वर्षीय बालिका कु. अरूणा उईके पिता विमल उईके अधिक खांसी की समस्या से ग्रसित थी।
साथ ही वजन भी कम हो रहा था। तब एएनएम योगिता मिश्रा के द्वारा बालिका के माता पिता को कान्हीवाडा जाकर टी.बी. का परीक्षण कराने की सलाह दी गई।
सलाह अनुसार बालिका के माता-पिता उसे कान्हीवाड़ा लेकर गए तब उन्हे पता चला कि उसका दो बार टी.बी. का इलाज हुआ है लेकिन दवाईंयो के साइड इफेक्ट के कारण वो इलाज बंद कर देती थी।
तब एएनएम योगिता मिश्रा के द्वारा अरूणा उईके से पुन: संपर्क किया गया एवं उसे कान्हीवाड़ा भेजा गया व फिर से इलाज शुरू करवाया गया। उसकी बार-बार काउंसलिंग की गई व दवाईंयो के साइड इफेक्ट के बारे में विस्तार से चर्चा की गई व समझाईश दी गई।
बहुत मुश्किल से अरूणा उईके इलाज के लिये राजी हुई। इसके पश्चात पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत उसका उपचार प्रारंभ किया गया।
बालिका ने व उसके माता-पिता ने उपचार को गंभीरता से लिया जिसके कारण अरूणा उईके पिछले साल टी.बी. की बीमारी से मुक्त हो गई।
एएनएम योगिता मिश्रा कहती है कि बहुत खुशी होती है जब अरूणा उईके को स्वस्थ देखती हूं। ईश्वर का बहुत बहुत धन्यवाद कि उन्होने इस कार्य के लिये मुझे चुना।