SEONI NEWS: बरघाट विकास खंड में अवैध रेत उत्खनन का मुद्दा बीते कुछ समय से क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस अवैध गतिविधि ने न केवल पर्यावरणीय संतुलन को प्रभावित किया है, बल्कि क्षेत्र के निवासियों पर भी इसका भारी दबाव पड़ा है। बरघाट जनपद अध्यक्ष आभा राहंगडाले ने इस गंभीर समस्या के खिलाफ आवाज उठाकर जनता की भलाई के लिए ठोस कदम उठाए हैं, जिससे उन्हें क्षेत्रीय जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है।
सिवनी जिले में अवैध रेत उत्खनन: एक गंभीर समस्या
बरघाट विकास खंड की नदियों से बेखौफ तरीके से हो रहा अवैध रेत उत्खनन अब भी जारी है। क्षेत्र में रेत खदानों से लगातार रेत की निकासी की जा रही है, और यह सब कुछ प्रशासनिक अधिकारियों और खनिज विभाग की आंखों के सामने हो रहा है। रॉयल्टी के बजाय ठेकेदारों के गुर्गे टोकन के माध्यम से रेत का अवैध उत्खनन करवा रहे हैं, जिससे नदियों के जल स्तर और पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
इस अवैध गतिविधि का सबसे बड़ा नुकसान स्थानीय लोगों को हो रहा है, जिनकी जेबों पर इसका भारी दबाव पड़ रहा है। रेत की बढ़ती कीमतों के कारण लोगों को महंगी दरों पर रेत खरीदनी पड़ रही है, जो कि उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने में कठिनाई उत्पन्न कर रही है।
बरघाट जनपद अध्यक्ष आभा राहंगडाले की पहल: जनहित में संघर्ष
जनपद अध्यक्ष आभा राहंगडाले ने इस अवैध गतिविधि को रोकने के लिए कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से मांग की है। वह लगातार इस अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ मोर्चा खोल रही हैं, और इसके लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया है। आभा राहंगडाले का यह कदम न केवल जनता के हित में है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है।
रेत की अवैध निकासी रोकने के प्रयास में उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि इस गतिविधि पर तुरंत रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
सिवनी जिले में रेत की बढ़ती कीमतों से जनता पर पड़ रहा असर
वर्तमान समय में नदियों में पानी के बहाव के चलते रेत की कीमतें काफी बढ़ गई हैं, जिससे सामान्य लोगों को अपने निर्माण कार्यों के लिए रेत प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। अवैध उत्खनन के कारण रेत की मांग और आपूर्ति में असंतुलन पैदा हो गया है, जिससे रेत की कीमतें आसमान छू रही हैं।
ऐसे में जनपद अध्यक्ष आभा राहंगडाले का यह कदम जनहित में अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस विषय पर प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस प्रशासन को बार-बार अवगत कराया है, ताकि जल्द से जल्द इस अवैध गतिविधि पर रोक लगाई जा सके।
खनिज विभाग की निष्क्रियता पर सवाल
खनिज विभाग की निष्क्रियता इस पूरी स्थिति में एक बड़ी समस्या बनी हुई है। अवैध रेत उत्खनन खनिज विभाग की नाक के नीचे धड़ल्ले से जारी है, लेकिन विभागीय अमला इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। ऐसा प्रतीत होता है कि जिम्मेदार अधिकारी इस अवैध गतिविधि को रोकने के बजाय उसे अनदेखा कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन को और बढ़ावा मिल रहा है।
आभा राहंगडाले द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद, खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई का अभाव दिखाई देता है। इससे क्षेत्र में अवैध उत्खनन करने वालों के हौसले और बुलंद हो रहे हैं।
न्याय की लड़ाई: जनहित में आभा का संकल्प
आभा राहंगडाले ने जनता के हित में इस अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ एक ठोस कदम उठाया है। वह निरंतर इस मुद्दे पर सक्रिय हैं और संबंधित विभागों पर दबाव बना रही हैं, ताकि इस अवैध गतिविधि को जल्द से जल्द रोका जा सके। उनका यह कदम एक मिसाल के रूप में उभर रहा है, जिससे अन्य जनप्रतिनिधियों को भी प्रेरणा मिल रही है कि वे भी अपने क्षेत्रों में हो रहे अवैध कार्यों के खिलाफ आवाज उठाएं।
आभा राहंगडाले का यह प्रयास केवल एक व्यक्तिगत संघर्ष नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और पर्यावरणीय संघर्ष है, जिसमें पूरे क्षेत्र की भलाई और सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है।
समाज में आभा राहंगडाले का प्रभाव और समर्थन
आभा राहंगडाले को इस कदम के लिए क्षेत्र की जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है। उनके साहसी कदम से प्रभावित होकर क्षेत्र के लोग भी उनके साथ खड़े हो गए हैं। क्षेत्र के लोग समझ चुके हैं कि इस अवैध गतिविधि से उनका सीधा नुकसान हो रहा है, इसलिए उन्होंने आभा राहंगडाले का समर्थन करते हुए इस मुद्दे पर उन्हें पूरा सहयोग देने का संकल्प लिया है।
आभा राहंगडाले का यह कदम समाज में एक सकारात्मक संदेश फैलाने के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों को भी यह चेतावनी देता है कि यदि समय रहते इस अवैध रेत उत्खनन पर रोक नहीं लगाई गई, तो जनआक्रोश और भी व्यापक हो सकता है।
आभा राहंगडाले का जनहित में प्रयास
अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ आभा राहंगडाले द्वारा उठाए गए कदम ने क्षेत्र में एक नया आदर्श स्थापित किया है। उन्होंने दिखाया है कि यदि एक जनप्रतिनिधि ईमानदारी और समर्पण से काम करता है, तो उसे जनता का समर्थन मिलता है। उनके इस प्रयास से न केवल क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर रोक लगेगी, बल्कि आने वाले समय में अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए भी यह एक प्रेरणास्रोत बनेगा।