सिवनी, केवलारी। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के केवलारी तहसील में आगजनी की एक भयावह घटना सामने आई है, जिसमें किसान की वर्षों की मेहनत पलभर में राख में तब्दील हो गई। ग्राम चावरमार के किसान तुलसीराम ठाकुर की 8 एकड़ जमीन पर खड़ी गेहूं की फसल जलकर पूरी तरह नष्ट हो गई। प्रशासन की लापरवाही और अग्निशमन व्यवस्था के अभाव ने किसानों की पीड़ा को और गहरा कर दिया है।
देखते ही देखते जलकर राख हो गई पूरी फसल
घटना के अनुसार, अचानक लगी आग ने तुलसीराम ठाकुर के खेत को अपनी चपेट में ले लिया। तेज़ हवाओं के कारण आग तेजी से फैल गई और देखते ही देखते 8 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जलकर पूरी तरह खाक हो गई। ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने की भरसक कोशिश की, लेकिन फायर ब्रिगेड के समय पर न पहुंचने के कारण किसानों की मेहनत राख में बदल गई।
प्रशासन की लापरवाही बनी किसानों के लिए अभिशाप
गांव के किसानों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन से फायर ब्रिगेड की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की थी, लेकिन उनकी फरियाद अनसुनी कर दी गई। नतीजतन, जब इस तरह की आपातकालीन स्थिति आई, तो प्रशासन की लापरवाही और अग्निशमन सुविधाओं के अभाव ने किसान को भारी नुकसान झेलने के लिए मजबूर कर दिया।
किसानों की हालत बद से बदतर
इस घटना के बाद किसान तुलसीराम ठाकुर और उनका परिवार गहरे सदमे में है। उनकी फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है, जिससे आर्थिक संकट और कर्ज का बोझ बढ़ गया है। उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है, ताकि उनकी जीविका चल सके।
ग्रामीणों में आक्रोश, शासन-प्रशासन से जवाबदेही की मांग
घटना के बाद गांव के किसानों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। वे प्रशासन से पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक किसानों की मेहनत इस तरह जलती रहेगी? उन्होंने फसल बीमा, उचित मुआवजा और अग्निशमन सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
सरकार से उम्मीद, लेकिन कब मिलेगी राहत?
अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे को कितनी प्राथमिकता देता है और प्रभावित किसान को क्या कोई आर्थिक सहायता मिलती है या नहीं। सरकार की नीतियां किसानों के लिए कितनी कारगर साबित होती हैं, यह आने वाला समय बताएगा। लेकिन इस घटना ने प्रशासन की उदासीनता और ग्रामीण इलाकों में आपदा प्रबंधन की कमी को उजागर कर दिया है।