सिवनी: – सिवनी के मूल निवासी एवं केंद्रीय सेवा में कार्यरत प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी समीर गुहा का जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में दुखद निधन हो गया। हमले के दौरान आतंकियों द्वारा गोली मारे जाने से समीर गुहा गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
उनकी पार्थिव देह देर रात कोलकाता पहुंचेगी और वहीं रात्रि में अंतिम संस्कार किया जाएगा। यह दुखद घटना पूरे सिवनी जिले के लिए गहरा आघात है।
सिवनी से कोलकाता तक का सफर
11 अक्टूबर 1970 को सिवनी में जन्मे समीर गुहा की प्रारंभिक शिक्षा महात्मा गांधी स्कूल में हुई थी। इसके बाद उन्होंने मिशन उच्चतर माध्यमिक शाला से छठवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी की और फिर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सिवनी से बीएससी की डिग्री प्राप्त की। उच्च शिक्षा में उन्होंने अंग्रेज़ी विषय में स्नातकोत्तर किया।
समीर गुहा का चयन केंद्र सरकार के नेशनल सेंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) में हुआ था, जहाँ वे कोलकाता में प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत थे।
हर साल करते थे परिवार संग भ्रमण
परिवारिक सूत्रों ने बताया कि समीर हर साल गर्मियों की छुट्टियों में अपने परिवार के साथ भ्रमण पर निकलते थे। इस बार भी वह इसी सिलसिले में पहलगाम पहुंचे थे, जहां आतंकवादियों ने उनसे पहचान पूछने के बाद उन्हें गोली मार दी।
सिवनी में बीता बचपन
समीर गुहा का बचपन गणेश चौक से बरघाट रोड स्थित विंध्यवासिनी मंदिर के पास के मकान में बीता। बाद में उनका परिवार बारापत्थर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मरहाई माता मंदिर के सामने रहने लगा।
उनके पिता स्व. अजीत वरन गुहा ने सत्तर के दशक तक होटल पथिक का संचालन किया, जो भारतीय स्टेट बैंक के सामने स्थित थी और सिवनी की प्रमुख होटलों में से एक मानी जाती थी। इसके अलावा वे 1990 के दशक में जबलपुर से प्रकाशित एक प्रमुख समाचार पत्र के विशेष प्रतिनिधि भी रहे।
परिवार में गम का माहौल
समीर गुहा के परिवार में दो चाचा और तीन बुआ हैं, जिनमें से एक चाचा का निधन हो चुका है। उनकी एक बुआ महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जबकि दूसरी सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षिका रह चुकी हैं। उनके बड़े भाई महाराष्ट्र बैंक में प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं.