सिवनी (मध्यप्रदेश) के सुकतरा गांव स्थित मेस्को एरोस्पेस कंपनी की हवाई पट्टी पर शुक्रवार सुबह 8 से 9 बजे के बीच एक ट्रेनी विमान के फिसलने और पलटने की गंभीर घटना सामने आई। इस दुर्घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, परंतु इससे संबंधित कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, जो न केवल एविएशन सुरक्षा व्यवस्था बल्कि प्रशिक्षण गुणवत्ता पर भी संदेह पैदा करते हैं।
हादसे का पूरा विवरण: कैसे हुआ विमान हादसा?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना उस वक्त हुई जब एक ट्रेनी पायलट प्रशिक्षण के तहत हवाई पट्टी पर विमान की लैंडिंग अभ्यास कर रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विमान लैंडिंग के दौरान पहले बाईं ओर झुका और फिर संतुलन खोते हुए पलट गया। हादसा इतना तेज था कि विमान क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन पायलट की जान बच गई, जिसे एक सावधानीपूर्वक ट्रेनिंग की उपलब्धि माना जा सकता है।
प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही: हादसे के वक्त क्या देखा गया?
घटना के बाद कुछ स्थानीय नागरिक और हवाई पट्टी पर कार्यरत लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि विमान हवा में संतुलन खोते ही तेजी से नीचे गिरा और पट्टी पर फिसलते हुए पलट गया। कुछ लोगों ने दावा किया कि विमान में तकनीकी खराबी या रनवे की सतह पर गड़बड़ी इसकी वजह हो सकती है।
हादसे के बाद की संदिग्ध गतिविधियां: विमान को ढंका गया तिरपाल से
इस दुर्घटना के तुरंत बाद रेड बर्ड एविएशन कंपनी के कर्मचारियों द्वारा विमान को तिरपाल से ढंक दिया गया, जिससे संदेह और बढ़ गया। यह प्रक्रिया लापरवाही को छिपाने का प्रयास मानी जा रही है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “हमने जैसे ही विमान को पलटा देखा, कुछ ही मिनटों में कंपनी के कर्मचारी आ गए और बिना किसी अधिकारी के मौजूदगी के विमान को ढक दिया।”
रेड बर्ड एविएशन की भूमिका पर सवाल
रेड बर्ड एविएशन, जो कि विमानन प्रशिक्षण संस्थान के रूप में कार्यरत है, की भूमिका इस हादसे में गंभीर जांच की मांग करती है। यह संस्था प्रशिक्षण विमान का संचालन करती है और इस प्रकार की लापरवाहीपूर्ण गतिविधियां न केवल छात्रों की जान को खतरे में डालती हैं, बल्कि पूरे एविएशन सिस्टम की साख पर भी असर डालती हैं।
सुरक्षा और प्रशिक्षण प्रणाली की खामियां उजागर
इस घटना ने एविएशन प्रशिक्षण संस्थानों की सुरक्षा मानकों और ट्रेनी पायलट्स की तैयारी पर गहरी चिंता जताई है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे संस्थानों को डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) द्वारा नियमित निगरानी और निरीक्षण की आवश्यकता है, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
क्या यह हादसा संस्थागत लापरवाही का परिणाम है?
इस बात की गंभीर जांच की आवश्यकता है कि क्या यह हादसा केवल एक दुर्घटना थी या इसके पीछे प्रशिक्षण की गुणवत्ता में कमी, विमान की तकनीकी खराबी या संस्थागत लापरवाही भी कारण रही है। विमान को जल्दी से ढंक देना, बिना किसी जांच टीम या मीडिया को बुलाए, इस संभावना को और भी प्रबल करता है कि कंपनी कुछ छिपाने की कोशिश में थी।
स्थानीय प्रशासन और DGCA की भूमिका
हादसे के बाद अब निगाहें स्थानीय प्रशासन और DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) पर टिकी हैं। क्या प्रशासन ने इस हादसे को गंभीरता से लिया? क्या कोई औपचारिक जांच शुरू की गई है? क्या DGCA ने इस पर नोटिस जारी किया या निरीक्षण भेजा?
जब तक इन सवालों के जवाब सार्वजनिक नहीं होते, सभी ट्रेनी पायलट्स और उनके परिवारों की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगा रहेगा।
विमानन विशेषज्ञों की राय: क्यों आवश्यक है पारदर्शिता?
विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाओं को पारदर्शिता से निपटाना अनिवार्य है। यदि संस्थान अपनी गलती छिपाते हैं तो इससे ना केवल भविष्य में बड़ी घटनाओं की संभावना बढ़ती है, बल्कि इससे आम जनता का विश्वास भी टूटता है। प्रशिक्षण संस्थानों को चाहिए कि वे हर दुर्घटना की निष्पक्ष जांच कराएं, रिपोर्ट सार्वजनिक करें और सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करें।
यह आवश्यक है कि इस दुर्घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराई जाए, दोषियों पर कार्रवाई हो और रेड बर्ड एविएशन जैसे संस्थानों की सुरक्षा नीतियों की समीक्षा की जाए। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एक प्रशिक्षु की जान केवल एक गलती से जा सकती है, और इस प्रकार की घटनाएं हमारे एविएशन भविष्य पर काले धब्बे की तरह हैं।