शहीद स्मारक होगा व्यवस्थित
लखनादौन-विगत 6 जुलाई 2018 को स्थानीय श्री राम मंदिर परिसर में श्री राम मंदिर ट्रसट के द्वारा बैठक का आयोजन किया गया जिसमें निम्न बिन्दुओ पर चर्चा हुई-
1.श्री राम मंदिर प्रांगण में स्थित शहीद स्मारकको व्यवस्थित करने के विषय में प्रशासनिक कार्यवाही की जायेगी
2. पुरानी दुकानों को तोडकर नया सर्वसुविधा युक्त काम्प्लेक्स बनाया जायेगा, इस कार्य हेतु सभी पुराने दूकानदारो ने अपनी सहमति दी
3.काम्प्लेक्स निर्माण भू तल, प्रथम तल में दुकानों का निर्माण कार्य होगा तथा तीसरे तल में सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला का निर्माण होगा
4. राममंदिर काम्प्लेक्स के पुराने दुकानदारों को नए काम्प्लेक्स में दुकानें दी जायेगी तथा शेष दुकानों की नीलामी की जायेगी
5.25 जुलाई तक सभी दुकानदार अपनी दुकानें खाली कर देंगे इस हेतु दुकानदारों ने सहमति दी है।
6.श्रीराम मंदिर ट्रस्ट को लेकर भी लिवास कलेक्शन के संचालक द्वारा ट्रस्ट का गठन पुनः किये जाने हेतु कहा।जिस पर श्री राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा सहमति दी गई लेकिन जिनकी दुकान इस काम्प्लेक्स में है वे ट्रस्टी नही हो सकते इस बात पर सभी उपस्थित जनसमुदाय ने सहमति दी नियमानुसार दुकानदार ट्रस्ट में सम्मिलित नही हो सकता और ट्रस्ट के पुराने सदस्य मिलकर ही नए सदस्यों को शामिल कर सकते है , पूर्व में भी संजय गोल्हानी, तीरथ प्रसाद गोल्हानी द्वारा अपनी मनमर्जी से ट्रस्ट समिति के ऊपर एक समिति जबरदस्ती बना ली थी औऱ अपनी मनमर्जी से अध्यक्ष बन कर इसकी वैधानिकता हेतु याचिका लगाई गई थी जिसे कोर्ट ने सिरे से नकार दिया।
इनकी मंशा मंदिर और धार्मिक कार्य को लेकर बिलकुल नही है ये केवल ट्रस्ट की आड़ में स्वयं अपनी दुकानों को बड़ा करना चाह रहे है, इसके पूर्व भी संजय गोल्हानी धर्मशाला के एक कमरे को तोड़कर दुकान को बड़ी करने का प्रयास भी कर चुके है, लेकिन ट्रस्ट की सक्रियता से उनका ये नाजायज कार्य नही ही सका,भावार्थ जबरदस्ती कब्जा करने की कोशिश करना चाहते है संजय गोल्हानी और अभी अपने आप को अतिक्रमण हटाते समय भाजपा कार्यकर्ता प्रदर्शित करवा रहे थे जबकि इनकी वास्तविकता क्या है यह पूरा नगर जानता है। इनके रिश्तेदार इनके द्वारा बनाई गई सीढ़ी को तोड़ते समय यह चिल्लाते रहे कि यह जमीन श्री राम मंदिर ओर कृषि उपज मंडी की है उस पर नगर परिषद का क्या अधिकार, मतलब इन्हें यह भी नही पता कि आखिर उक्त भूमि किसकी है ।
यहाँ पर यह बात बताना भी उल्लेखनीय है कि राम मंदिर मार्किट में ऐसे दूकानदार है जिनका किराया मात्र 500 रुपए मासिक निर्धारित है उसके बाद भी 25000 रुपए तक किराया बाकि है , ये दुकानदार भगवान के साथ ही छलावा कर रहे है।
आज की बैठक सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन के मुख्य आतिथ्य व अगुवाई में संपन्न हुई उन्होंने सभी पक्षो की बात सुनकर सभी की स्वेच्छानुरूप कार्य करने की बात कही, और कहा कि उनसे जो भी कुछ संभव हो सकेगा वो करेंगे।
श्री राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से श्री अजय शुक्ला ने बताया कि राम मंदिर समिती के पास आय का स्रोत केवल दुकान का किराया है वह भी समय से न मिल पाने के कारण पुजारी का मासिक भुगतान और बिजली बिल का भुगतान तक नही हो पाता, और एक दुकानदार ने तो 5 लाख रुपये में दुकान दूसरे को बेच भी दी है।जिसके लिए उस दुकानदार ने ट्रस्ट की सहमति नही ली है।
नीलेश स्थापक ने राम नाम लेखन सामग्री को व्यवस्थित करने के सबंध में भी अपनी बात रखी।
कुल मिलाकर देखा जाये तो राम मंदिर की समिति की दुकानों में जो दुकानदारों दुकान चला रहे है वो अपनी मन के मुताबिक कार्य कर रहे है जिससे धन औऱ अन्य व्यवस्था के आभाव में मंदिर जीर्ण शीर्ण हो चूका है, और कुछ लोग तो अपने स्वार्थ के लिये भगवान का मंदिर तक गिरवी रख सकते है ऐसे लोगो की जितनी निंदा की जाए कम है।
जिनका न कभी नगर में धर्मिक सामाजिक कार्यक्रमो में योगदान रहा न कभी कोई वैचारिक पृष्ठभूमि रही वे अपने आप को ट्रस्टी बनाना चाहते है जबरदस्ती कब्जा करना चाहते है ऐसे लोग अपने आपको राजनीतिक दल का कार्यकर्ता विगत 3 दिनों से प्रचारित करवा रहे है जिनकी आदत जबरदस्ती कब्जा करने की पूर्व से रही है समाज मे नगर में बिना किसी योगदान के गणमान्य बनना चाहते है जो निंदनीय है।