सिवनी /4 जुलाई 2018/ किसी माता-पिता के लिये इससे बडे दुख की बात क्या होगी जब बचपन में ईलाज के दौरान कोई चिकित्सक यह बोल दे कि आपकी बच्ची हृदय रोग से ग्रसित है इसकी जिंदगी ज्यादा समय की नही है। इसका विवाह मत करना यह गर्भधारण के लिये कभी शारीरिक रूप से तैयार नही हो पायेगी । कुरई निवासी गरीब परिवार के राजेन्द्र पाठक और अभिलाषा पाठक की पुत्री रोशनी बचपन से हृदय रोग से ग्रसित थी । यह जानकारी उसके परिवार वालो को भी थी चिकित्सक ने रोशनी को बचपन से असामान्य होना बताया था क्योकि उसका हृदय शरीर के बायी और न होकर दाहिने और था । इन्ही सभी कारणो से वे रोशनी की परवरिष बडी सावधानी पूर्वक कर रहे थे । इसके साथ रोशनी का एक हाथ आकार में छोटा था जो उसकी विकलांगता का कारण था ।
रोशनी का परिवार जनवरी 2018 में डा0 अभिषेक रायकवार व डाॅ. विनोद दहायत और डाॅ. रूचि द्धिवेदी से सम्पर्क में आया। अपनी बेटी के हाथो के उपचार की सहायता के लिये पहॅंचे रोशनी के पिता द्वारा विषेषज्ञों को बताया कि उनकी बच्ची हाथ से तो विकलांग है साथ ही बचपन से ही इन्हें चिकित्सक द्वारा हृदय रोग से ग्रसित भी बताया गया है । डाॅ. रूचि द्विवेदी ने बच्ची स्क्रीनिंग कर जिला स्तरीय कैम्प में भेजा। जहां श्री कृष्णा हृदयालय नागपुर एवं प्लेटीना हास्पिटल नागपुर की टीम ने बच्ची की असामान्यता को देखते हुए। उसका आपरेशन करने से हाथ खडा कर दिये । परन्तु डा0 रूचि द्विवेदी लगातार चिकित्सको के संपर्क में रही। उन्होने चिरायु मेडिकल कालेज भोपाल के सर्जन डा0 विवेक कन्हेर से चर्चा की जिन्होने रोशनी की सर्जरी को एक चैलेंज के रूप में लेते हुए उसका आपरेशन करने की सहमति दी ।
दिनाॅक 26.06.2018 को चिरायु हास्पिटल भोपाल के डा0 विवेक कन्हेर और डा0 निखिल पेन्डसे की टीम ने बच्ची की एक साथ तीन सर्जरी की उन्होंने हार्ट के छेद , एक वाल्व की रिपेयरिंग और फेफेडों की धमनी जो एक तरफ थी उसे अलग कर दोनों तरफ किया गया। और उसका सफल आपरेशन हो सका ।