सिवनी। परिसीमन के बाद लोकसभा बालाघाट में शामिल हुये सिवनी जिले में पदस्थ भाजपा के आला पदाधिकारी, विधायक एवं संसदीय चुनाव लडऩे के इच्छुक प्रत्याशियों ने स्थानीय भाजपायी को चुनाव मैदान में उतारने के लिये एक जुटता का दिखावा किया था, जिसका स्पष्ट प्रमाण दिल्ली गये भाजपाईयों के विभिन्न गुटों से मिल रहा है।
मालूम हो कि इससे पूर्व पूर्व त्रिविभागीय मंत्री ढालसिंह बिसेन के निवास पर हुये भोज के दौरान सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था कि स्थानीय जिला भाजपा बालाघाट संसदीय क्षेत्र से स्थानीय प्रत्याशी की मांग पुरजोर तरीके से केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष रखेगी, लेकिन राजनीति ने अचानक यूटर्न लिया और जिला भाजपा अध्यक्ष प्रेम तिवारी, केवलारी राकेश पाल, पूर्व नपा अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी एवं युवा नेता संजीव मिश्रा ने वर्तमान सांसद बोधसिंह भगत के पक्ष में अपना अभिमत दिल्ली के केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष रख दिया।
राजनैतिक सूत्रों की माने तो टिकिट की प्रबल दावेदार पूर्व सांसद नीता पटेरिया दिल्ली में डेरा डाले हुये है, वहीं डॉ. ढालसिंह बिसेन भी अकेले ही संसदीय सीट बालाघाट के लिये जोर लगा रहे है। स्पष्ट है कि सोशल मीडिया के माध्यम से उठी स्थानीय प्रत्याशी की मांग स्वयं को स्थापित बनाये रखने के लिये अपना अस्तित्व खो चुकी है, क्योंकि भाजपा के स्थानीय नेता अच्छी तरह से जानते है कि मुनमुन राय के बाद यदि गौरीशंकर बिसेन या उनके परिवार का दखल सिवनी जिले में हो गया तो उनकी सतही राजनीति के ताबूत में अंतिम कील ठूक जायेगा।