सिवनी \\ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिवनी ने जिले में निजी चिकित्सा व्यवसाय करने वाले समस्त विधा जैसे एम.बी.बी.एस., बी.डी.एस., बी.ए.एम.एस. एवं बी.एच.एम.एस. के चिकित्सक जिनके द्वारा निजी चिकित्सा व्यवसाय किया जा रहा है उसका म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) नियम 1997 के तहत कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में अनिवार्य रूप से पंजीयन कराने निर्देश दिये हैं |
साथ ही उन्होने बताया कि जिले के जो भी शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सक अस्पताल/ क्लीनिक का बिना पंजीयन के अवैध रूप से संचालन कर रहे है जो कि नियम के विरुद्ध है एवं म.प्र. उपचर्यागृह रूजोपचार संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) नियम 1997 का उल्लंघन है। अत: समस्त शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सक को निर्देशित किया जाता है कि म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) नियम 1997 के तहत शीघ्र ही अपना पंजीयन अनिवार्य रूप से एक माह के अंदर करायें अन्यथा आपके विरूद्व होने वाली कार्यवाही के लिये आप स्वंय जिम्मेदार होंगे।
उक्त संबंध में कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह के निर्देशन में बिना पंजीयन के संचालित संस्थानों के लिये जांच दल का गठन किया गया है | दल के द्वारा निरीक्षण के दौरान चिकित्सा व्यवसाय पंजीयन न होने पर संबंधित चिकित्सक / संस्थान के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही की जाती है तो उसके लिये चिकित्सक / संस्थान प्रमुख स्वयं जिम्मेदार होंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिवनी ने उक्त संबंध में समस्त शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सा / संस्थानों को 15 दिवस के अंदर पंजीयन कराने की अंतिम चेतावनी दी है ।
साथ ही ब्ल्ड कलेक्शन सेन्टर चलाने वाले केन्द्र को भी चेतावनी दी गई है कि उनके द्वारा जिस संस्था से अथराईजेशन प्राप्त किया है, के समस्त दस्तावेज कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के समक्ष दस्तावेज की जांच करायें अन्यथा संस्था बंद करने के निर्देश दिये हैं साथ अवगत कराया है कि उक्त संबंध में आपके विरूद्व किसी प्रकार की कार्यवाही की जाती है तो उसके लिये ब्ल्ड कलेक्शन सेन्टर केन्द्र स्वयं जिम्मेदार होंगे।
साथ ही समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे अपने विकासखंड में चल रहे अनाधिकृत चिकित्सा व्यवसाय करने वाले समस्त विधा के चिकित्सकों का निरीक्षण कर उन्हें पंजीयन कराने को निर्देशित करें नहीं कराने की स्थिति में गठित समिति के माध्यम से संस्था को बंद कराने की कार्यवाही कर दस्तावेज कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सूचित करें।