सिवनी: सिवनी जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में सोमवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा सामने आया। इंटर्नशिप के लिए सिवनी आए 27 वर्षीय डॉक्टर प्रदीप गुर्जर की अचानक तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेज परिसर में शोक की लहर दौड़ गई।
अचानक बिगड़ी तबीयत, रास्ते में ही तोड़ दिया दम
प्राप्त जानकारी के अनुसार, डॉ. प्रदीप गुर्जर, जो दौसा (राजस्थान) के रहने वाले थे, सिवनी मेडिकल कॉलेज में फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट (FMG) स्टूडेंट के तौर पर 1 वर्ष की इंटर्नशिप कर रहे थे। वे मेडिकल कॉलेज परिसर के हॉस्टल में रह रहे थे।
सोमवार सुबह लगभग 8 बजे उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। उस समय हॉस्टल में उनके साथ मौजूद अन्य डॉक्टर, जिनमें डॉ. सिमरन गावा भी शामिल थीं, उन्हें तुरंत इलाज के लिए बारापत्थर क्षेत्र स्थित बिसेन अस्पताल ले जाने निकले। लेकिन अस्पताल पहुँचने से पहले ही रास्ते में डॉ. प्रदीप की मौत हो गई। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मौत के कारण पर संशय, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
डॉ. प्रदीप की मौत का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है। प्रथम दृष्टया दिल का दौरा (Heart Attack) माना जा रहा है, लेकिन इस संबंध में अंतिम पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही की जाएगी। शव को जिला अस्पताल भेजा गया है, जहाँ 1 जुलाई को परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
हाल ही में मनाया था जन्मदिन, उसके बाद से महसूस कर रहे थे दर्द
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, डॉ. प्रदीप ने 25 जून को अपना जन्मदिन हॉस्टल में ही मनाया था। इसके बाद उन्होंने अपने कुछ साथियों से यह भी साझा किया था कि उन्हें पेट में हल्का दर्द महसूस हो रहा है। लेकिन उन्होंने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। पांच दिन बाद ही तबीयत अचानक इतनी बिगड़ी कि जान चली गई।
परिजन दौसा से सिवनी के लिए हुए रवाना
डॉ. प्रदीप की मौत की खबर मिलते ही उनके परिवार में मातम छा गया। उनके परिजन दौसा (राजस्थान) से सिवनी के लिए रवाना हो चुके हैं। पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा।
मेडिकल कॉलेज में शोक, प्रशासन अलर्ट
युवा डॉक्टर की असामयिक मौत से कॉलेज के सहकर्मी, छात्र व संकायजन स्तब्ध हैं। कॉलेज प्रशासन ने घटना की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी है। डूंडा-सिवनी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
डॉ. प्रदीप गुर्जर की अचानक मौत ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि स्वस्थ दिखने वाले युवा भी गंभीर शारीरिक समस्याओं से अंजान हो सकते हैं। मेडिकल छात्रों के लिए तनाव, अनियमित दिनचर्या और पर्याप्त जांच की कमी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि ऐसी घटनाओं की गहराई से जांच की जाए ताकि भविष्य में उन्हें रोका जा सके।