घंसौर – नगर घंसौर में शासकीय भूमि पर फैले अतिक्रमण को हटाने आखिरकार प्रशासन ने सख्त तेवर दिखाते हुए विगत 9 जनवरी बुधवार को भारी पुलिस बल के बीच अतिक्रमण हटाना शुरू किया जहां एसडीएम सुश्री रजनी वर्मा और तहसीलदार अमृतलाल धुर्वे राजस्व अमले के साथ मौके पर पहुंचे सबसे पहले दोपहर लगभग 12:00 बजे तहसील कार्यालय के आसपास वर्षों से जमे अतिक्रमणकारियों द्वारा बनाए गए कच्चे एवं पक्के निर्माण कार्य ध्वस्त किए गए। अपना आशियाना टूटते देख कई अतिक्रमणकारियों ने भारी हंगामा मचाया। इस बीच पुलिस शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने वाली कुछ लोगों को उठाकर पुलिस थाना भी लेकर आई।
प्रशासन के सख्त रवैया के आगे अतिक्रमणकारी बेवस नजर आए घंसौर के इतिहास में शायद पहली बार प्रशासन ने इतनी सख्ती से अतिक्रमण हटाया इस बीच कुछ लोगों ने अतिक्रमण कारियों को हाथ में लेकर सुर्खियां बटोरने का काम जरूर किया वहीं घंसौर के स्थानीय जनप्रतिनिधि और राजनीतिक दलों के प्रमुख पदाधिकारियों ने प्रशासन की इस मुहिम से दूरी बनाकर रखी। घंसौर का कोई भी बड़ा नेता या जनप्रतिनिधी अतिक्रमणकारियों की पैरवी करते नजर नहीं आया।
अतिक्रमण विरोधी मुहिम से आहत फूट-फूट कर रो रहे कुछ लोगों ने प्रशासन पर भेदभाव के आरोप भी लगाये। बताया जा रहा है कि विगत दिनों कोयतूर गोंडवाना महासभा घंसौर द्वारा तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर अतिक्रमण हटाने की मांग शासन प्रशासन के समक्ष रखते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी वहीं जानकारी के अनुसार जिला कलेक्टर ने घंसौर में फैले अतिक्रमण के मामले में विशेष रूचि लेते हुए निर्देश भी जारी किये जिनके सतत मार्गदर्शन में स्थानीय अमले द्वारा सिलसिलेवार अतिक्रमण हटाया गया अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही दिनभर चलती रही।
तहसील कार्यालय के आसपास से अतिक्रमण हटाने के बाद आर आई कार्यालय के बाजू में मुख्य सड़क पर भी निर्माण कार्य सहित चाय पान के ठेला हटाए गये प्रशासन की इस कार्रवाई को जहां कुछ लोग अलग ही रंग दे रहे हैं.
वही लोग इसे नगर विकास की दृष्टि से जोड़कर भी देख रहे हैं घंसौर में दिनोंदिन बसाहट बढ़ती जा रही है ऐसे में बाहर से आकर दुकानदारी सहित अन्य रोजगार में संलग्न है लोग यहां स्थाई ठिकाना बनाना चाहते हैं जिसके चलते रिक्त पड़ी शासकीय भूमि पर किसी न किसी बहाने कब्जा कर स्थाई रूप से पक्के निर्माण कार्य करा लेते हैं प्रशासन द्वारा चलाई जा रही अतिक्रमण विरोधी मुहिम से एक तरफ अतिक्रमणकारियों की नींद उड़ चुकी है वहीं इस कार्रवाई से बेघर हुए कुछ लोग अपना ठिकाना ढूंढ रहे हैं प्रशासन की यह कार्रवाई तीन दिनों तक संचालित हो सकती है।