
सिवनी न्यूज़ , खबर सत्ता : पेंच व्यापवर्तन परियोजना (माचागोरा) के नहर निर्माण में एक नही अनेक विसंगतियां देखने को मिलेगी ।सिर्फ देखने वालों की जरूरत है ।मुख्य नहर की केनाल की दाई तट का निरिक्षण नजरी नक्शा के साथ मात्र भंडारपुर से कारीरात ,करहैया ,फुलारा ,चारगाँव तक ही पेदल मार्च करके निरिक्षण कर्ता गण तकरीबन चार से पांच किलो मीटर की यथा स्थिति भांप ले तो एक नही अनेकों विशंगतियां देखने को मिलेगी ।
कुछ किसानों ने तो अपनी शिकवा शिकायतें भी की परंतु कोई देखने सुनने वाला कोई नहीं है ।इसे मैं विकास नही मानता जिस विकास के पीछे आम जन दुखी हो रहे हों ।जैसे कि 2014 से लेकर आज दिनांक तक किसानों के खेतों में बेतिहासा मुरम पत्थरौं का पहाड़ बनाकर निर्माण कंपनी के लोगों का चंपत हो जाना ।जिसके कारण किसानों को आर्थिक क्षति हो रही है फसलें खराब हो रही है ट्रेक्टर ट्राली,हार्वेस्टर खेतों तक पहुँचने मे भारी परेशानी हो रही है ।कंपनी के लोगों ने बिजली के खंबे भी उखाड़ कर अन्य जगहों में गाड़ दिये हैं जिससे तार आपस में टकरा कर आग पैदा कर रहे हैं जिसके कारण किसानों की फसलें आग से जलकर नष्ट हो रही हैं ।
फुलारा के किसानों की गेहूं की फसल पूर्व में जलकर नष्ट हूई है जो सर्वविदित है । दाई पटल पर पानी निकासी ना होने के कारण खेतों का पानी मिट्टी सहित बहकर नहरों को भर रहे हैं ।जिसके कारण रास्ते में गड्डे होने से भी वाहनों का आवागमन अवरुद्ध हो रहा है ।तो कई जगह नहर के मलबे के कारण खेत जलमग्न होकर फ़सलों को तबाह कर रहे हैं जिसकी शिकायत जिला कलेक्टर महोदय जी सहित कांग्रेस अध्यक्ष भाई पप्पू खुराना जी को भी किसान संघर्ष समिति के प्रदेश प्रतिनिधि डॉ राजकुमार सनोड़िया ने की परंतु निरिक्षण दल किसानो से एवं किसानो की समस्या से आज दिनांक तक अवगत नही हुये और ना ही क्षति पूर्ति राशी के लिए कोई ठोस कार्यवाही की गई ।हाल ही में दाई ओर में किसानों को पानी सिचाई के लिए मनमुताविक जगह में पाइपों को गाड़ दिया गया है इससे भी किसानों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।
कई जगह तकनीकी प्रतिवेदन को दर किनार किया गया है कांक्रीट उखाड़ कर नहर में बह रही है ।गोहा में पुल पुलिया नही बनने के कारण किसान परेशान हो कर आन्दोलन को विवश हो रहे हैं । वही दूसरी ओर माइनर पाइंट तो है परंतु माईनर पाइंट से नहर एवं पुलिया आज दिनांक तक नही बनाई गई है ।जबकि किसानों की भूमी अधिग्रहण कर राशी भी दी जा चुकी है ।
सरकार को लाखों की चपत और कंपनी पुल एवं माईनर की राशी को हजम करने में लगी ।जिसके कारण गांव केअनेक लोग पानी की धारा से वंचित हो रहे हैं ।और भी कालाबजारी का गोरखधन्धा खुले आम चल रहा है ।जब मात्र चार,पांच किलो मीटर की दूरी पर यह आलम है तो सिवनी जिले के 134 गांवों का क्या हाल होगा ।
भ्रष्टाचार का अंदाजा इन चार पांच गावों के सर्वेक्षण से ही पता चल जायेगा ।उक्त कंपनियों के लोगों ने किसानो के साथ धोका किया है समय रहते तकनीकी प्रतिवेदन एवं नक्शा के अनुरुप निर्माण कार्य नही किया गया तो किसान आन्दोलन के लिए विवश होंगे तो इसकी जिम्मेदारी सम्बंधितों की होगी ।
जिलाधीश महोदय जी एक दिन का समय निकाल कर नहर की ओर ध्यान आकर्षित कर प्रभावित किसानों से भी भेंट करते हुए उनकी समस्या भी सुनें । उक्तआशय की बात किसान सँघर्ष समिति के जिला अध्यछ राजकुंमार सनोडिया ने जिला कलेक्टर को अवगत कराते हुए कहा है।