सिवनी। सिवनी जिले के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों के बीच आर्थिक संकट गहरा गया है। पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिलने के कारण कई चिकित्सा अधिकारी आर्थिक तंगहाली का सामना कर रहे हैं। दीपावली और देवउठनी ग्यारस जैसे बड़े पर्वों पर भी इन डॉक्टरों को वेतन से वंचित रहना पड़ा, जिससे उनकी त्यौहार की खुशियां फीकी पड़ गईं। साथ ही, आगामी शादी-विवाह के सीजन में भी ये डॉक्टर खरीदारी करने में असमर्थ हैं, जिससे उनकी चिंताएं और बढ़ गई हैं।
वेतन न मिलने की वजह से आर्थिक संकट
जिले के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत लगभग 30 नए डॉक्टर पिछले तीन महीनों से वेतन न मिलने की समस्या का सामना कर रहे हैं। यह स्थिति केवल सिवनी मुख्यालय तक सीमित नहीं है; जिले के अन्य विकासखंडों के सरकारी अस्पतालों में पदस्थ चिकित्सकों की भी यही स्थिति है। डॉक्टरों का कहना है कि लगातार ड्यूटी करने और मरीजों की सेवा में खुद को झोंकने के बावजूद वेतन का भुगतान न होने से उनका आर्थिक संकट गहरा गया है।
ऑनलाइन दर्ज होती है उपस्थित जिससे बरघाट और अन्य क्षेत्रों के चिकित्सक भी प्रभावित
बरघाट के सरकारी अस्पताल में कार्यरत सात चिकित्सक पिछले तीन महीनों से वेतन से वंचित हैं। वहीं, अन्य विकासखंडों में भी सरकारी अस्पतालों में कार्यरत लगभग 30 डॉक्टरों को इसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि बरघाट समेत अन्य क्षेत्रों में उनकी उपस्थिति नियमित रूप से ऑनलाइन दर्ज की जा रही है और एम्पलाई आईडी भी जारी हो चुकी है, बावजूद इसके, उनके वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
वेतन न मिलने से उत्पन्न घरेलू समस्याएं
चिकित्सकों ने अपनी मुश्किलें साझा करते हुए बताया कि किराना, गैस, किराए जैसे जरूरी घरेलू खर्चों के लिए अब वे काफी परेशान हो चुके हैं। बाहर से आकर यहां कार्यरत इन डॉक्टरों के लिए बिना वेतन के खर्चों को संभाल पाना बेहद मुश्किल हो गया है। अनेक डॉक्टरों ने बताया कि उनके दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति अब ऋण या अन्य माध्यमों से की जा रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और भी अधिक संकटग्रस्त हो रही है।
डॉक्टरों की मेहनत पर पानी फेरते हैं प्रशासनिक अवरोध
सरकारी अस्पतालों में पदस्थ इन चिकित्सकों ने बताया कि कई महीनों से वे निरंतर ड्यूटी कर रहे हैं और मरीजों का इलाज भी कर रहे हैं। उनकी उपस्थिति अस्पताल की रूटीन प्रक्रियाओं के अनुसार नियमित रूप से दर्ज की जाती है। अस्पताल प्रशासन ने एम्पलाई आईडी और अन्य जरूरी दस्तावेज भी इन चिकित्सकों को उपलब्ध कराए हैं, फिर भी वेतन के मामले में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
कुछ चिकित्सकों के कागजात अभी भी लंबित
सिवनी के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जयपाल सिंह ठाकुर ने बताया कि कुछ नए डॉक्टरों की एम्पलाई आईडी नहीं बनी है, जबकि कुछ के रूटीन के जरूरी कागजात अभी कार्यालय में जमा नहीं किए गए हैं। जिन डॉक्टरों के दस्तावेज पूरे हो चुके हैं, उनके वेतन जारी कर दिए गए हैं। अधिकारी ने यह भी बताया कि जैसे ही बाकी डॉक्टरों के सभी आवश्यक दस्तावेज जमा हो जाते हैं, उनके वेतन संबंधी कार्यवाही कर दी जाएगी।
स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका प्रभाव
तीन महीनों से वेतन न मिलने के कारण चिकित्सकों के कार्य पर असर पड़ना स्वाभाविक है। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि वे मरीजों की सेवा में किसी प्रकार की कमी नहीं आने दे रहे हैं, फिर भी वेतन न मिलने के कारण मानसिक और आर्थिक दबाव का सामना कर रहे हैं। इस समस्या के लंबे समय तक बने रहने से स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। डॉक्टरों की मानसिक स्थिति के कारण सेवाओं की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है, जो मरीजों के लिए चिंता का विषय है।
प्रशासन की ओर से समाधान की प्रतीक्षा
जिले भर के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों को उम्मीद है कि प्रशासन शीघ्र ही इस समस्या का समाधान करेगा। डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने अपनी समस्या उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दी है, और वेतन से जुड़ी प्रक्रियाओं में तेजी लाने की अपील भी की है। उनका मानना है कि प्रशासन द्वारा शीघ्रता से कार्यवाही करने पर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आ सकता है।
अंत में क्या होगा डॉक्टरों का भविष्य?
यह स्पष्ट है कि डॉक्टरों की समस्याओं को प्रशासन द्वारा प्राथमिकता से नहीं देखा गया है, जिससे वे निराश हैं। यदि शीघ्र ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो जिले के स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है। सिवनी के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर उम्मीद कर रहे हैं कि उनके वेतन का भुगतान जल्द से जल्द होगा ताकि वे आर्थिक रूप से स्थिर रह सकें और मरीजों की सेवा को बिना किसी बाधा के जारी रख सकें।