सिवनी – शिक्षा विभाग के अंतर्गत समस्त बीआरसी एवं सीबीएसई तथा माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल से संबद्धता प्राप्त समस्त अशासकीय स्कूलों की बैठक गत दिवस जिला कलेक्ट्रेट में आयोजित की गई। इस बैठक में 6 बिन्दुओं पर चर्चा की गई जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल ने बताया कि इन दिनों मतदान को लेकर प्राचार्यो को मतदान जागरूकता संबंधी प्रश्रमंच,चित्रकला, गीत, नाटक, रगोंली जैसी प्रतियोगिता आयोजित करने के निर्देश दिये गये है।
श्री बघेल ने बताया कि शुल्क वृद्धि के संबंध में समस्त अशासकीय संस्थाओं को किसी भी स्थिति में पूर्व वर्षो की तुलना में शुल्क में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि नही किये जाने के निर्देश दिये गये है। शुल्क वृद्धि हेतु विधीवत औचित्यपूर्ण प्रस्ताव तैयार कर जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य होगा। इसी तरह समस्त संस्थायें मप्र पाठ्य पुस्तक निगम या एनसीईआरटी की पुस्तकें से ही विद्यालय में अध्ययन करायें।
आवश्यकतानुसार निजी प्रकाशन की दो अतिरिक्त पुस्तकें पाठ्यक्रम में सम्मिलित की जा सकती है। किंतु इस हेतु शाला के पीटीए का अनुमोदन अनिवार्य होगा। अतिरिक्त पुस्तकों के कारण पालकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है। वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों पर पढ़ाई का अत्यधिक मानसिक दबाव भी बना रहता है। साथ ही विद्यालय में संचालित पुस्तकें न्यूनतम तीन विक्रेताओं के पास उपलब्ध हो। इन विक्रेताओं की सूची पुस्तकों का मूल्य आदि जानकारी विद्यालय के सूचना पटल पर भी अनिवार्य रूप से चस्पा की हो। स्कूलों से सामग्री विक्रय की प्रथा पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी।
इस प्रकारण में आने पर तत्काल शाला प्रबंधन के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। आपने आगे बताया कि न्यूनतम पांच वर्ष के पूर्व विद्यार्थियों की गणवेश परिवर्तित ना की जावे। तथा गणवेश परिर्वतन हेतु पीटीए की बैठक में प्रस्ताव पारित किया जावे, शाला की गणवेश खुले बाजार में सहज उपलब्धता भी शाला प्रबंधन सुनिश्चित करें। शाला में पहुंचने हेतु विद्यार्थियों द्वारा उपयोग किये जा रहे बस,आटो आदि के बारे में शाला प्रबंधन संपूर्ण जानकारी शाला में संधारित रखेंगे। किसी भी स्थिति में क्षमता से अधिक विद्यार्थियों का परिवहन तथा तीव्रगति से वाहन में चालक स्वीकार नही किया जावेगा। वाहन पूर्णत: सुरक्षित तथा निर्धारित मापदण्ड अनुसार ही होना चाहिए।
उपस्थित प्राचार्यो में इस संबंध में जिला आरटीओ द्वारा मार्ग पर औचक निरीक्षण किया जाकर व्यवस्थायें सुचारू कराने हेतु प्रस्ताव रखा। जिला पंचायत सीईओ द्वारा जिला आरटीओ को पत्र लिखकर निर्देशित किया गया है। जिला पंचायत सीईओ ने कहा है कि स्थानांतरण प्रमाण पत्र चाहे जाने पर तत्काल विद्यार्थियों को दी जावे,शुल्क बकाया होने पर शाला प्रबंधन सीधे संबंधित छात्र,छात्राओं के पालक स