बरघाट: नगर परिषद बरघाट के मुख्य नगर पालिका अधिकारी के रूप में पदस्थी के बाद से बरघाट के कतिपय नेताओं के इशारों पर कार्य करने वाले बी.एल. लिल्हारे द्वारा वर्तमान में सारे नियमों एवं आदेशों को ताक में रखकर कुछ छूटभैया नेताओं के दिशा निर्देश पर गरीब प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हितग्राहियों के खाते में जानबूझकर राशि अंतरित नहीं की जा रही है।
ज्ञातव्य है कि दिनांक 30 नवंबर 2019 को कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सिवनी मध्य प्रदेश द्वारा पत्र क्र.|8084/शिका.शा./14/2019 के माध्यम से मुख्य नगर पालिका अधिकारी बी.एल लिल्हारे को स्पष्टतः आदेशित किया गया है कि जो लोग पात्र हैं उनको शेष राशि भुगतान की कार्यवाही करें परंतु कलेक्टर महोदय के इस आदेश को दरकिनार कर आज दिनांक तक सी.एम.ओ लिल्हारे द्वारा राशि हितग्राहियों के खाते में नहीं अंतरित नहीं गई।
वही जिन्होंने पहली किस्त मिलने के बाद अपने कच्चे मकान तोड़कर कार्य प्रारंभ किया है वह भी दूसरी किस्त हेतु प्रतिदिन परिषद के चक्कर लगा रहे हैं परंतु उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि अभी अध्यक्ष महोदय नहीं है बाद में आना जबकि सचिव मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा सभी सी.एम.ओ को पत्र क्र. 6847 दिनांक 21/06/2018 को स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना के बी.एल.सी घटक के लिए मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 346 की शक्तियों के अधीन यदि नगर पालिका परिषद नगर परिषद के अध्यक्ष द्वारा समय सीमा पर राशि अंतरित करने में विलंब किया जाता है तो सीधे सी.एम.ओ हितग्राहियों के खाते में राशि अंतरित करें1 परंतु इसके बाद भी सी.एम.ओ लिल्हारे अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं और गरीब लाचार हितग्राहियों को बेवजह परेशान कर रहे हैं।
यक्ष प्रश्न है कि कलेक्टर महोदय के आदेश व साथ ही मध्य प्रदेश शासन के निर्देशों की अवहेलना करने की शक्ति इस अधिकारी को कैसे आ गई? ऐसा कौन सा राजनैतिक संरक्षण इस सी.एम.ओ को प्राप्त है जिसके इशारे पर यह कलेक्टर महोदय के आदेशों एवं मध्य प्रदेश शासन के निर्देशों को दरकिनार कर मनमानी किए जा रहा है. जिम्मेदाराना पद में रहकर इस तरह पद का दुरुपयोग करने का साहस इस सीएमओ को कहां से आया सुना है कि सी.एम.ओ लिल्हारे जब लांजी नगर परिषद में प्रभारी सी.एम.ओ था तब भी इसी तरह की मनमानी के तहत इन पर कोई गंभीर मामला लगा था जिसका परिणाम इन्हें तक भुगतना पड़ा था
पात्रों के खातों में शीघ्र शेष राशि अंतरित करने के कलेक्टर के आदेश की जानबूझकर पिछले एक माह से अवहेलना करते हुए स्वेच्छाचारिता एवं घोर अनुशासनहीनता का परिचय देने वाले मुख्य नगर पालिका अधिकारी बी.एल.लिल्हारे को लोकहित में निलंबित किया जाना जनापेक्षित है।