सिवनी, बरघाट: जनपद सभा सिवनी के नाम से दर्ज जमीन के कीमती हिस्से के निजी तौर पर संसोधन मामले में आवेदक ने धारा 115 के तहत न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बरघाट में प्रकरण दर्ज करवाया है। इस मामले में शासकीय भूमि खसरा नम्बर 596/960/1 रकबा 0.57 हेक्टेयर भूमि के सीमांकन हेतु आवेदन किया गया था।
जांच और प्रतिवेदन
इस आवेदन पर हल्का पटवारी और राजस्व निरीक्षक बरघाट द्वारा जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुत दस्तावेज़ के आधार पर धारनाकला के मिशल बंदोबस्त क्रमांक 291 वर्ष 1988-89 के अभिलेखों में खसरा नम्बर 960 रकबा 0.59 हेक्टेयर भूमि जनपद सभा सिवनी के नाम से दर्ज है। मिशल बंदोबस्त और वर्तमान खसरे की तुलना करने पर उक्त भूमि का 0.02 हेक्टेयर का रकबा कम होना पाया गया, जो कि गलत तरीके से निजी रूप में संसोधित हुई है।
प्रकरण दर्ज करने का उद्देश्य
आवेदक संतोष शुक्ला ने धारा 115 के तहत प्रकरण दर्ज कराते हुए अनुविभागीय न्यायालय में त्रुटिपूर्ण ढंग से दर्ज की गई भूमि के रिकॉर्ड को दुरुस्त करने की मांग की। उन्होंने मांग की कि शासकीय भूमि के रकबे में वर्ष 1991 के पूर्व की स्थिति के अनुसार 0.59 हेक्टेयर भूमि दर्ज की जाए और अनावेदक गणों के नाम से मूल खसरा नम्बर 596/960 के हुए पांच बंटाकन को निरस्त कर सम्पूर्ण भूमि को मूल खसरे में सम्मलित किया जाए। इसके साथ ही आदेश दिनांक 14/10/1991 में हुई त्रुटी को दुरुस्त किए जाने हेतु प्रकरण दर्ज करवाया गया।
लंबे समय से निस्पक्ष कार्रवाई की मांग
इस जमीन के संशोधन मामले में लंबे समय से कार्रवाई की मांग की जा रही थी। इस संदर्भ में आवेदक के साथ-साथ जनपद पंचायत सिवनी ने भी जमीन को सुरक्षित करने और जनपद की जमीन के निजी रूप से संशोधन को लेकर आवेदन प्रस्तुत किए थे। जिला कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार बरघाट द्वारा जनपद सभा सिवनी की जमीन के संशोधन की जांच हल्का पटवारी से करवाई गई थी। पटवारी ने जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, लेकिन कार्रवाई जांच तक ही सीमित रह गई। इसलिए आवेदक ने जनहित में धारा 115 के तहत न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में प्रकरण दर्ज करवाया।
निस्पक्ष कार्रवाई से गरीबों को लाभ
यह उल्लेखनीय है कि जनपद सभा सिवनी के नाम से दर्ज भूमि में विकास की अनेकों संभावनाएं हैं। इसका मुख्य आधार सुगम कॉम्प्लेक्स का निर्माण है। मुख्य मार्ग से लगी भूमि ही निजी तौर पर संशोधित हो चुकी है, जो शासकीय रकबे में दर्ज होती है। पचासों कमरों का सुगम कॉम्प्लेक्स के निर्माण की नींव प्रशस्त होगी। दूसरी तरफ, भूमाफियाओं ने निजी जमीन की आड़ में जनपद की जमीन पर अवैधानिक रूप से कब्जा बना रखा है, जिससे आवागमन और विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है। इन पर ठोस कार्रवाई की अपेक्षा व्यक्त की गई है।
धारा 115 के तहत न्यायालय की कार्रवाई
धारा 115 के तहत दर्ज प्रकरण में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बरघाट ने आवेदक के तर्कों और प्रस्तुत दस्तावेज़ों के आधार पर जांच शुरू की। न्यायालय ने संबंधित विभागों और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जांच को तेजी से पूरा करें और त्रुटिपूर्ण ढंग से दर्ज भूमि के रिकॉर्ड को दुरुस्त करें।