सिवनी: हाल ही में एक चौंकाने वाला ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें भाजयुमो नेता मयूर दुबे और टीआई कान्हीवाडा के बीच हुई बातचीत (Mayoor Dubey & Kanhiwara TI Omeshwar Thakre Viral Call Recording) ने न केवल हिंदू संगठनों में बल्कि पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी है। इस ऑडियो में कथित रूप से गौ तस्करों को संरक्षण देने और हिंदू नेताओं को झूठे मामलों में फंसाने की साजिश की बात सामने आई है।
वायरल ऑडियो में क्या है?
मयूर दुबे को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है:
“हम पैसे देंगे, सारा खर्च वहन करेंगे… अपने निजी नंबर पर एक व्हाट्सएप संदेश भेजें, गाड़ी कहीं भी नहीं रुकनी चाहिए… यह एडवांस है, बाकी नकद… बाद में, हम उन लोगों को घसीटेंगे और पीटेंगे जिन्होंने आपके या मेरे खिलाफ शिकायत की थी।”
इस क्लिप में पुलिस अधिकारी ओमेश्वर ठाकरे भी कथित रूप से दुबे को यह बताते हुए सुने गए कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ नेताओं को कुछ व्यक्तियों,की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया: निष्पक्ष जांच का वादा
हालांकि, खबर सत्ता इस ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता, लेकिन सिवनी जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) ने पुष्टि की है कि इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
सिवनी SP का बयान:
“शनिवार सुबह मुझे मामले की जानकारी मिली। ऑडियो की पुष्टि के लिए एएसपी (सहायक पुलिस अधीक्षक) के नेतृत्व में जांच के आदेश दिए गए हैं। निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए थाना प्रभारी को हटा दिया गया है।”
गौ तस्करी को लेकर बढ़ते विवाद
सिवनी मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और तेलंगाना तक गायों की तस्करी का मुख्य मार्ग है। वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश में गौ तस्करी के 55 से अधिक मामले दर्ज हुए, जिनमें 99 से अधिक व्यक्तियों की गिरफ्तारी और 1,300 से अधिक मवेशियों को जब्त किया गया था।
गौ तस्करी को लेकर सिवनी जिला लगातार विवादों में रहा है। वर्ष 2024 के जून माह में, स्थानीय जंगलों में 54 गायों के क्षत-विक्षत शव मिलने के बाद बड़े पैमाने पर अशांति फैल गई थी। इस घटना के बाद प्रशासन ने जिला कलेक्टर और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को हटा दिया था।
सिवनी में पूर्व में भी हुई हैं हिंसक घटनाएं
- 2022: सिवनी जिले के कुरई क्षेत्र में कथित गौरक्षकों ने दो आदिवासी युवकों की हत्या कर दी थी।
- 2023: गौ तस्करी रोकने के नाम पर पुलिस और हिंदू संगठनों के बीच कई झड़पें हुईं।
- 2024: पुलिस और हिंदू संगठनों के बीच विश्वास की खाई और अधिक गहरी हो गई।
क्या राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है यह मामला?
विपक्षी दलों ने इस पूरे विवाद को राजनीतिक साजिश करार दिया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि:
“यह बीजेपी के आंतरिक झगड़े का नतीजा है, जिसमें हिंदुत्व की आड़ में सत्ताधारी दल अपने ही नेताओं को फंसाने का काम कर रहा है।”
जनता की प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया पर हलचल
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई हिंदू संगठन इस ऑडियो क्लिप की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं, तो वहीं कई लोग इसे पुलिस और राजनीतिक नेताओं के बीच मिलीभगत का परिणाम मान रहे हैं।
न्यायिक जांच की आवश्यकता
इस पूरे मामले को लेकर सिवनी प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
- क्या वाकई भाजयुमो नेता मयूर दुबे और पुलिस अधिकारी ओमेश्वर ठाकरे हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को फंसाने की साजिश में शामिल थे?
- क्या गौ तस्करी के नाम पर राजनीतिक हित साधे जा रहे हैं?
- पुलिस और प्रशासन गौ तस्करों के खिलाफ कितनी गंभीरता से कार्रवाई कर रहे हैं?
जनता की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद जनता में गहरा आक्रोश है। लोग प्रशासन पर निष्पक्ष जांच का दबाव बना रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हिंदू संगठनों और जनता का दबाव अगर लगातार बना रहा तो संभव है कि जल्द ही इस मामले में कुछ ठोस कदम उठाए जाएं।