सिवनी: सिवनी जिले के नसीब में देश को मिली आजादी के 75 वर्षों बाद बड़ी रेल लाइन मिली है. सिवनी जिले का नसीब राजनीतिक दृष्टि से खराब ही माना जाता रहा है. देश को आजादी मिले 75 वर्ष पूरे हो चुके है और आज 75 वर्षों बाद सिवनी जिले को बड़ी रेल लाइन की सुविधा मिली है।
सिवनी जिले में आज 24 अप्रैल को छिंदवाड़ा से नैनपुर के बीच यात्री ट्रेन का शुभारंभ हुआ. पीएम मोदी ने रीवा से ट्रेनो को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि इन ट्रेनों के शुभारंभ से सिवनी, छिंदवाड़ा को बड़े शहरों से कनेक्टिविटी मिली है।
सिवनी छिंदवाड़ा में इससे व्यापार भी बढ़ेगा, व्यापार के साथ साथ रोजगार के अवसर भी प्राप्त होने लगेंगे। सिवनी रेलवे स्टेशन में आज नैनपुर छिंदवाड़ा ट्रैन के शुभारंभ के समय सभी राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी समेत आम नागरिक उपस्थित रहे।
सिवनी रेलवे स्टेशन पर देखा गया कि भाजपा कांग्रेस जैसी बड़ी बड़ी पार्टियां सिवनी में बड़ी रेल लाइन की शुरुवात के लिए श्रेय लेती नजर आई।
कांग्रेस के पदाधिकारियों का कहना था कि सिवनी में बड़ी रेल लाइन की शुरुवात पूर्व सीएम कमलनाथ की वजह से हो पाई है, भाजपा को काम बंद करना आता है शुरू करना नहीं इस तरह की बाते रेलवे स्टेशन में ट्रेन के शुभारंभ के समय सुनने मिली।
भाजपा सांसद और कार्यकर्ताओं का कहना यह था कि सिवनी में बड़ी रेल लाइन प्रधानमंत्री मोदी की वजह से आ पाई है, जिसमे सांसद और विधायक का महत्वपूर्ण योगदान रहा है ।
आजादी के 75 साल बाद सिवनी को नसीब हुई बड़ी रेल लाइन
सिवनी का दुर्भाग्य ही माना जाए कि देश को अंग्रेजों से आजादी मील 75 साल पूरे हो चुके है और अब जाकर आजादी के 75 वर्षों के बाद बड़ी रेल लाइन की सुविधा सिवनी जिले की जनता को मिल पा रही है। वर्ष 2015 में मेगा ब्लॉक लगाया गया था। मेगा ब्लॉक के 3 वराहों के भीतर छोटी रेल लाइन से बड़ी रेल लाइन में परिवर्तन का कार्य पूरा होना था पर यह भी 8 वर्षों बाद पूरा हो पाया है।
25 अप्रैल से पातालकोट और पंचवेली एक्सप्रेस छूटेगी सिवनी से
कल यानी 25 अप्रैल को सुबह सांसद ढालसिंह बिसेन सिवनी रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर पातालकोट एक्सप्रेस का शुभारंभ सिवनी से करेंगे। कल से ही पंचवेली एक्सप्रेस भी सिवनी से ही छूटेगी। अब तक सिवनी जिले वासियों को पंचवेली एक्सप्रेस और पातालकोट एक्सप्रेस में यात्रा के लिए छिंदवाड़ा जाना पड़ता था। पर अब जिले वासियों को यह ट्रेन सिवनी से ही मिलेंगी।