सिवनी में धान उपार्जन में बड़ा घोटाला: मिलर्स, समितियाँ और निगम अधिकारी मिलकर शासन को लगा रहे चूना

धान उपार्जन में बड़े घोटाले का पर्दाफाश

SHUBHAM SHARMA
5 Min Read
सिवनी में धान उपार्जन में बड़ा घोटाला: मिलर्स, समितियाँ और निगम अधिकारी मिलकर शासन को लगा रहे चूना

सिवनी: 2024-25 के धान उपार्जन में मध्यप्रदेश के सिवनी जिले से एक बड़े घोटाले की जानकरी आपको देते है। यह घोटाला नागरिक आपूर्ति निगम के अंतर्गत कार्यरत मिलर्स, समितियाँ, और विभिन्न सरकारी अधिकारियों के बीच मिलीभगत के कारण हुआ है और कई वर्षों पहले से चला आ रहा है। इस घोटाले में करोड़ों रुपये की काली कमाई की जा रही है, और सरकार के राशन वितरण तंत्र में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है। सरकारी निर्देशों के अनुसार, मिलर्स को समितियों से सीधे धान उठाकर उसकी मिलिंग कर फोर्टीफाइड चावल के रूप में गोदामों में जमा करना था, लेकिन हकीकत में ये कार्य पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त होकर हो रहे हैं।

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समिति और मिलर्स के बीच मिलीभगत

धान उपार्जन में समिति/समूह का अहम भूमिका होती है: लेकिन इस मामले में ये समितियाँ अपनी जिम्मेदारी से दूर हो गईं और भ्रष्टाचार के मार्ग पर चल पड़ीं। मिलर्स को रिलीज ऑर्डर (RO) के बदले समितियाँ बाजार दर से 100-150 रुपये कम पर धान देने की बजाय नकद पैसा प्राप्त करती हैं। इसके बाद, ये समितियाँ फर्जी तरीके से अपने रिश्तेदारों के नाम पर धान जमा करती हैं, और सरकार से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के तहत भुगतान प्राप्त करती हैं। इसके बदले उन्हें हर आरो पर ₹1 लाख से ₹1.5 लाख तक का मुनाफा होता है।

मिलर्स की घातक चालाकी

मिलर्स ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए बिहार और ओड़िशा जैसे राज्यों से सड़ा-गला चावल खरीदा, और उसे फोर्टीफाइड चावल के रूप में पेश करके नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों में जमा कर दिया। इस प्रक्रिया से उन्हें प्रति आरो ₹2.5 से ₹3 लाख तक का मुनाफा हुआ। इसके अलावा, धान परिवहन और बारदाना खर्च को भी बचा लिया जाता है, और इस बचत का लाभ फर्जी बिलों के माध्यम से और अधिक कमाया जाता है।

निगम के केंद्र प्रभारी और रिश्वतखोरी

सड़े हुए चावल की लॉट को गोदाम में स्वीकार करने के लिए निगम के केंद्र प्रभारी बड़ी मात्रा में रिश्वत लेते हैं। वे प्रति लॉट ₹50,000 तक की राशि मिलर्स से लेते हैं, और यह रकम बाद में जिला प्रबंधक के साथ बांट ली जाती है। रिश्वतखोरी के इस खेल में सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता से घोटाला और भी बढ़ जाता है।

कंप्यूटर ऑपरेटर की भूमिका और फर्जी सेटिंग्स

फर्जी मिलिंग और स्टॉक एंट्री को संभालने के लिए कंप्यूटर ऑपरेटरों का भी हाथ है। ये ऑपरेटर प्रति आरो ₹20,000 से ₹30,000 तक का भुगतान लेते हैं और फर्जी सॉफ्टवेयर एंट्री, धान की कटौती, चावल जमा पत्रक आदि की सेटिंग करते हैं। ऑपरेटरों की सेटिंग के कारण यह घोटाला और भी जटिल हो जाता है, और इसे उजागर करना और कठिन हो जाता है।

जिला प्रबंधक की मुख्य भूमिका

पूरे घोटाले का संचालन जिला प्रबंधक के अधीन होता है। मिलर्स, समितियाँ, गोदाम मालिक, केंद्र प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर — सभी से मोटा हिस्सा जिला प्रबंधक को मिलता है। यह घोटाला सरकारी धन के नुकसान के अलावा राशन वितरण प्रणाली में अनियमितता और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। अगर उच्चस्तरीय जांच होती है, तो कई बड़े अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हो सकती है।

सरकारी नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं

सरकार के द्वारा निर्धारित नियमों का पालन नहीं हो रहा है, और हर स्तर पर भ्रष्टाचार और घोटाले हो रहे हैं। केंद्र प्रभारी, मिलर्स, समितियाँ और निगम के अन्य अधिकारी मिलकर सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग कर रहे हैं। ऐसे में यदि उच्च स्तर की जांच और सख्त कार्रवाई नहीं होती, तो यह घोटाला और भी बढ़ सकता है और जनता के हितों को नुकसान पहुंचा सकता है।

आगे क्या कदम उठाए जाने चाहिए?

सरकार को जांच अगेंसियों को इस मामले में गंभीरता से गहरी जांच करवानी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा दिलवानी चाहिए। उच्चस्तरीय जांच और सही तरीके से कार्रवाई करके ही इस बड़े घोटाले को रोका जा सकता है।

सिवनी जिले के इस घोटाले ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि सरकारी तंत्र में गहरी जड़ें जमा चुकी भ्रष्टाचार की जड़ों को उखाड़ने की आवश्यकता है। यह घोटाला न केवल सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती है, बल्कि आम जनता के खाद्य सुरक्षा अधिकारों को भी सीधे तौर पर प्रभावित कर रहा है। यदि सही समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या और भी विकराल हो सकती है।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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