सिवनी : जारी एडवाइजरी के अनुसार न्यायालय द्वारा केवल अपरिहार्य परिस्थितियों में ही पक्षकारों को उपस्थित होने के निर्देश दिए जाऐंगे। पक्षकार जब तक न्यायालय द्वारा निर्देशित न किया जाए तब तक वह न्यायालय परिसर में न आए ।
इस विषम परिस्थिति के रहते पक्षकारों की अनुपस्थिति के कारण में कोई भी प्रतिकुल आदेश/डिफाल्ट आर्डर पारित नहीं किया जाएगा। दांडिक मामलों में अभियुक्तों की व्यक्तिगत उपस्थिति से उन्मुक्ति उदारतापूर्वक प्रदान की जा सकेगी।
सिविल मामलों में यथासम्भव पक्षकारों की सहमति से स्थानीय कमिश्नर के माध्यम से साक्ष्य अंकित की जा सकेगी। वीडियो कॉनफ्रेसिंग के माध्यम से साक्ष्य अंकित किये जाने का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।
विचाराधीन बंदियों की उपस्थिति जेल से व्यक्तिगत उपस्थिति के बजाय वीडियो कॉनफ्रेसिंग के माध्यम से की जाएगी। अंतिम तर्क के मामलों में यथासम्भव लिखित तर्क पक्षकारों के द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किया जा सकेगा और मौखिक तर्क यथा सम्भव कम से कम होगा।