सिवनी। मिशन लाइफ (LiFE – Lifestyle for Environment) के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रचारित तीन आर (3R) सूत्र – रिड्यूस (Reduce), रियूज़ (Reuse) और रीसायकल (Recycle) – की भावना को मूर्त रूप देते हुए पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी में लोहे के स्क्रैप मटेरियल से एक विशालकाय बाघ प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण, कचरा प्रबंधन और कलात्मकता का एक अनोखा संगम प्रस्तुत करती है।
पेंच टाइगर रिजर्व के उप संचालक रजनीश कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जनवरी माह में इस अनूठी कलाकृति का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था। इस प्रतिमा को तैयार करने के लिए पुरानी साइकिलें, लोहे की पाइपें, जंग लगी चादरें और अन्य अनुपयोगी धातु सामग्री का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री जी के “मेक इन इंडिया” के उस प्रेरणादायक शेर प्रतीक से प्रेरित है, जिसे स्क्रैप मटेरियल से ही डिजाइन किया गया था।
विश्व रिकॉर्ड की ओर एक ऐतिहासिक कदम
उप संचालक सिंह ने यह भी बताया कि यह प्रतिमा अपने आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने की क्षमता रखती है। इंटरनेट पर उपलब्ध वर्ल्ड रिकॉर्ड एकेडमी के अनुसार, वर्तमान में विश्व की सबसे बड़ी बाघ प्रतिमा अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में स्थित है, जिसकी ऊंचाई 8 फीट और लंबाई 14 फीट है।
जबकि पेंच टाइगर रिजर्व में बन रही यह बाघ की प्रतिमा 16 फीट से अधिक ऊंची और 36 फीट से भी अधिक लंबी होगी, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्क्रैप मटेरियल से बनी बाघ प्रतिमा बना सकती है।
स्क्रैप से संदेश
यह बाघ प्रतिमा न केवल पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक बनेगी, बल्कि यह लोगों को यह भी सिखाएगी कि अनुपयोगी वस्तुएं भी कलात्मक, उपयोगी और प्रेरणादायक हो सकती हैं। यह पहल पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाने और लोगों को स्वच्छता तथा कचरा प्रबंधन की ओर प्रेरित करने के उद्देश्य से की जा रही है।
जल्द ही इस बाघ प्रतिमा का उद्घाटन समारोह आयोजित किया जाएगा, जो न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण होगा।