“श्रावणमास में शिव पूजन के ज्योतिषीय पक्ष एवं लाभ”
वैसे तो शिव आराधना सदैव ही उत्तम एवंमनोवांछित फल प्रदान करने वाला होती है, परंतु सावनका माह भूत-भावन पशुपति नाथ को सर्वाधिक प्रिय है। आइये जानते है शिव आराधना के कुछज्योतिषीय पक्ष एवं उनसे प्राप्त लाभों के बारे में।
हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण मानसिकशांति है, शांत अन्तर्मन के बिना हम सुखद जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। कहा भीगया है “मन के हारे हार और मन के जीते जीत”। ज्योतिष में मन का कारकचन्द्रमा होता है, जिस व्यक्ति का चन्द्रमा निर्बल होता हैउसका मन एकाग्रचित्त नहीं हो पाता। ज्योतिष विज्ञान में कर्क राशि का स्वामी भीचन्द्रमा होता है, अतः ऐसे जातकों को शिवलिंग पर प्रतिदिन जल, दुग्ध, बिल्व पत्र, चन्दन, भांग, भस्म, पुष्प, धतूरा, दही, घृत, शहद, शमी पत्र, पंचामृत, नैवेद्य (दुग्ध निर्मित) इत्यादि यथा संभव जो भी उपलब्ध हो महादेव कोपूर्ण मंगलभाव से अर्पित करे, साथ ही धूप-दीप एवं कर्पूर सेआरती एवं यथा संभव शिव पंचाक्षर मंत्र का उच्चारण भी करे। आशुतोष तो तत्कालप्रसन्न होते है और मनचाहा वरदान अपने भक्तो को प्रदान करते है।
समुद्र मंथन में उत्पन्न विष केविषपान करने के कारण जब उनका कंठ नीला हो गया तब सभी देवी देवताओं ने जल अर्पित करनीलकंठ को शीतलता प्रदान की, इसीलिए महेश की पूजा मेंजल का सर्वाधिक महत्व है। ज्योतिष विज्ञान में दूध को चन्द्रमा से जोड़ा गया हैक्योकि दोनों ही शीतलता प्रदान करते है। चन्द्र ग्रह से संबन्धित समस्याओं केनिवारण के लिए महादेव को गाय को दूध अर्पित करना सर्वोत्तम होता है। चन्द्रमा सेज्योतिष में केम-द्रुम नामक दुर्योग निर्मित होता है। चन्द्रमा के राहू-केतू सेग्रसित होने पर कुंडली में ग्रहण दोष का निर्माण होता है। चन्द्रशेखर की पूजनमात्र से चन्द्रमा संबन्धित सभी दोषो को दूर किया जा सकता है।
अगर आपकी कुण्डली में गुरु निर्बल यापीड़ित है तो आप केसर मिश्रित दूध शिवजी को अर्पित कर सकते है। मंगल एवं शनि कीबाधाओं से मुक्ति के लिए शिव एवं रुद्र अवतार हनुमानजी का पूजन अर्चन करे। शनिसंबन्धित समस्याओं की शांति के लिए आप काले तिल भी शिवलिंग पर अर्पित करे। शमीपत्र को शिवलिंग पर अर्पित करने से भी शनि संबन्धित समस्याओं को जीवन से दूर कियाजा सकता है। बुध ठीक करने के लिए आप शिव परिवार में विघ्नहर्ता गणेश जी की आराधनाकरे एवं नंदी को हरा चारा खिलाए।
शुक्र को बलवान बनाने के लिए देवीभगवती की आराधना एवं सफ़ेद द्रव्यों का दान किया जा सकता है। सावन में गृहस्थव्यक्ति को शिव परिवार के पूजन अर्चन से पूर्ण लाभ एवं मनोवांछित फल की प्राप्ति है।राहू-केतू मानव मस्तिष्क में भ्रामक स्थिति निर्मित करते है। शिव परिवार एवं कालभैरव की पूजा से राहू-केतू एवं शनि संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। सूर्यग्रह को बलवान बनाने के लिए पंचोपचार पूजन के बाद लाल आंक के पुष्प अर्पित करने सेलाभ प्राप्त होता है, अतः महादेव की आराधना नौग्रहों के दोष निवारण में सहायक है। तो आइये 6 जुलाई से प्रारम्भ हो रहे सावन मेंभूत-भावन महाँकाल का आह्वान करें एवं विश्व में शांति व कोरोना से मुक्ति कीप्रार्थना करे।
डॉ.रीना रवि मालपानी