Sawan Last Somwar 2020: श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है. सावन के महीने में शिव भक्त पूरे माह भगवान शिव की भक्ति में डूबे रहते हैं. भगवान शिव को सावन का महीना बहुत प्रिय है. इसीलिए सावन मास में पड़ने वाले सोमवार को जो भक्त व्रत रखता है और पूजा करता है उससे भोलेनाथ विशेष आर्शीवाद देते हैं.
चातुर्मास में सावन सोमवार का महत्व
श्रावण यानि सावन मास चातुर्मास का प्रथम मास है. चातुर्मास में भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम करने चले जाते हैं और पृथ्वी की बागडोर भगवान शिव को सौंप जाते हैं. चातुर्मास में भगवान शिव पृथ्वी के सभी कार्य देखते हैं. मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों के दुखों को दूर कर उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.
पांचवां सावन सोमवार पर बनने वाले शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार सावन के अंतिम सोमवार को कई महत्वपूर्ण योग बन रहे हैं. इस दिन पूर्णिमा की तिथि है. सोमवार को चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे. विशेष बात ये है कि इस दिन प्रीति योग का निर्माण हो रहा है. यह एक शुभ संयोग है जो प्रात: 6 बजकर 40 मिनट तक रहेगा, इसके बाद आयुष्मान योग होगा.
इस दिन है सौम्या तिथि
मान्यता है कि जब सोमवार के दिन पूर्णिमा की तिथि पड़ती है तो इसे सौम्या तिथि कहा जाता है. इस तिथि में शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा और शुभ कार्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
चंद्रमा की पूजा करें
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्रमा की अशुभता दूर होती है. इस दिन चंद्रमा को जल अर्पित करना चाहिए. चंद्रमा जब जन्मकुंडली में अशुभ होता है तो व्यक्ति के मन सम्मान में कमी, धनहानि, मानसिक तनाव और नाक और गले के रोग प्रदान करता है.