Savan Somwar 2020 : सावन का तीसरा सोमवार पढ़े नकारात्मकता में सकारात्मकता का पर्याय शिव

By SHUBHAM SHARMA

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“नकारात्मकता में सकारात्मकता का पर्याय शिव” श्रावण का सम्पूर्ण माह भक्तवत्सल, कल्याणस्वरूप, अनंत और अविनाशी शम्भूनाथ को समर्पित है। यह मास शिव उपासना एवं स्मरण का अत्यंत श्रेष्ठ मास है। भोलेनाथ तो समस्त आडंबर से मुक्त देव है। भक्त अपने जीवन की बाधाओं को शिव को समर्पित कर अतिशीघ्र मनोकामना पूर्ति करने वाले आशुतोष को श्रद्धापूर्वक किए स्मरण से त्वरित प्रसन्न कर सकते है। उनके स्त्रोत मानसिक शांति, धन, सुख, ऐश्वर्य एवं समृद्धि प्रदान करते है। श्रावण मास में निम्न स्त्रोतों का श्रवण एवं वाचन अत्यंत फलदायी है, इन स्त्रोतों से नकारात्मकता से मुक्ति एवं शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है:-

“शिव ताण्डव स्त्रोत है रावण रचित अद्भुत स्त्रोत, शिव की कृपा प्राप्ति के लिए है भक्ति-भावो से ओत-प्रोत। रुद्राष्टकम एवं वेदसार शिवस्तव स्त्रोत बनाते शिव का कृपापात्र, मानवयोनि सार्थक है ईश के श्रद्धापूर्वक स्मरण मात्र।”

शिव ताण्डव स्त्रोत:- यह स्त्रोत शिव के परम भक्त प्रकाण्ड पण्डित रावण द्वारा रचित एक अद्भुत स्त्रोत है, जोकि मानव मस्तिष्क से नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर मानव को सकारात्मक एवं ऊर्जावान बनाता है। श्रावण में शिव के स्मरण एवं ध्यान के लिए प्रत्येक समय को श्रेष्ठ माना गया है। इसकी रचना रावण ने भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए की थी। रावण जब कैलाश पर्वत को लेकर जाने का प्रयास करने लगा तब आदिनाथ शिव ने अपने पैर के अंगूठे से कैलाश को दबा दिया, जिसके कारण रावण के हाथ भी दब गए, तब रावण द्वारा इस स्त्रोत से शिव को प्रसन्न किया गया। साधक शिव ताण्डव स्त्रोत से मानसिक मनोबल, सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य सब कुछ सुलभता से प्राप्त कर सकता है। अनेक ग्रह के बुरे दोषो को दूर करने में यह स्त्रोत सक्षम है। यह स्त्रोत बाधाओं से मुक्ति दिलाने के लिए अत्यंत कारगर है।

शिव ताण्डव स्त्रोत विशेष छंदात्मक स्तुति है, ताण्डव ‘तंदुल’ शब्द से बना है जिसका अर्थ उछलना है। ताण्डव नृत्य का ही एक प्रकार है जो पूर्ण जोश एवं ऊर्जा के साथ किया जाता है। जिस प्रकार रावण को कष्ट से मुक्ति प्रदान कर शिव ने उस पर अपनी कृपादृष्टि बरसाई थी, उसी प्रकार साधक भी इस स्त्रोत के श्रवण एवं वाचन से शिव की कृपा प्राप्त कर सकता है। इस स्त्रोत के बारे में उल्लेखित है की इससे साधक को स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्‌, डमड्डमड्डमड्डमनिनादवड्डमर्वयं चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम ॥1॥

रुद्राष्टकम:- भक्तवत्सल शिव को अतिशीघ्र प्रसन्न करने वाला एवं त्वरित मनोवांछित फल प्रदान करने वाला यह शिव का एक सरल स्त्रोत है। इस स्त्रोत के निरंतर पाठ से जीवन के अनेक कष्ट स्वतः समाप्त होते जाते है एवं भक्त शिव का प्रिय हो जाता है। यह स्त्रोत मानव मस्तिष्क से ईर्ष्या, द्वेष, अभिमान, तनाव एवं नकारात्मकता का क्षय कर देता है। साधक भोले की भक्ति में आनंद से अभिभूत हो जाता है। रामचरित मानस के उत्तरकाण्ड में इस स्त्रोत के महत्व का वर्णन मिलता है। इसकी रचना गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा की गई थी। इस स्त्रोत में उल्लेखित है की हे शिव शंभू मुझे योग, जप एवं पूजा का ज्ञान नहीं है, मैं सिर्फ आपको ही भजता हूँ, आप मेरे कष्टों का निवारण करिए और मुझे अपनी कृपा प्रदान करिए।

नमामीशमीशान निर्वाणरूपम्। विभुम् व्यापकम् ब्रह्मवेदस्वरूपम्।
निजम् निर्गुणम् निर्विकल्पम् निरीहम्। चिदाकाशमाकाशवासम् भजेऽहम् ॥१॥

वेदसार शिवस्तव: स्त्रोत:- आदि अनंत अविनाशी शिव के अनेक स्त्रोतों में पवित्र एवं पूर्ण स्तुति वेदसार शिवस्तव: है। यह स्त्रोत परमगुरु आदिशंकराचार्य द्वारा रचित है। आज मानव जीवन में अनेक प्रकार की कठिनाइयाँ है, ऐसे में साधक सुख की तलाश करता है। शिव का यह स्त्रोत इच्छित सुखों को प्रदान करने वाला है। प्रतिदिन श्रद्धा एवं भक्ति के साथ शिव के इस स्त्रोत का स्मरण किया जा सकता है। पार्वती वल्लभ शिव की विशेषताओं का उल्लेख इसमें किया गया है।

पशूनां पतिं पापनाशं परेशं गजेन्द्रस्य कृत्तिं वसानं वरेण्यम।
जटाजूटमध्ये स्फुरद्गाङ्गवारिं महादेवमेकं स्मरामि स्मरारिम।1।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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