Sankashti Chaturthi Vrat in July 2022, Puja Vidhi: विघ्नहर्ता गौरी पुत्र भगवान श्री गणेश की उपासना करने से सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्टों से पूर्णतः छुटकारा मिलता है. Chaturthi Vrat 2022 सम्पूर्ण साल के हर माह में दो बार चतुर्थी पड़ती है, एक बार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी जिसे वैनायिकी चतुर्थी और दूसरी बार कृष्ण पक्ष की चतुर्थी जिसे संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) के नाम से जाना जाता है.
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार गौरी पुत्र भगवान श्री गणेश की विधिवत पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है इसके साथ ही मनुष्य की समस्त मनोकामना पूरी होती है.
- जुलाई महीने में कृष्ण पक्ष के संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) रविवार 17 जुलाई 2022 को मनाई जाएगी
- चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 16 जुलाई दिन शनिवार को दोपहर 1:27 से प्रारंभ होकर 17 जुलाई दिन रविवार को सुबह 10:49 तक रहेगा.
संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि और रोचक कथा
संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि और रोचक कथा (Sankashti Chaturthi Puja vidhi Katha): संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) के दिन गौरी पुत्र भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि (Sankashti Chaturthi Puja vidhi) के बारे में बात करें तो प्रातः काल स्नान करके भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. फूल, माला, अक्षत चढ़ाकर गणेश भगवान की पूजा करें, और आरती उतारे. जैसा की आप जानते ही है भगवान श्री गणेश को मोदक अत्यधिक प्रिय है, मोदक का भोग लगाएं और दूर्वा घास अर्पित करें. इससे भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है. मनुष्य के सभी संकट दूर हो जाते हैं.
भगवान श्री गणेश को संकटहर्ता क्यों कहा जाता है?
भगवान गणेश को संकटहर्ता क्यों कहा जाता है? इसके पीछे एक पौराणिक कथा है, एक बार भगवान शिव और माता पार्वती जंगल में चौपड़ का खेल खेल रहे थे, उस समय भगवान शंकर और माता पार्वती दोनों अकेले थे, तब मां पार्वती ने भगवान शिव से कहा कि हार और जीत का निर्णय करने के लिए किसी तीसरे का होना आवश्यक है और तब उन्होंने मिटटी से एक बालक की मूर्ति बनाई और उस मूर्ति में प्राण फूंक दिए. चौपड़ के खेल में उस बालक ने निर्णायक की भूमिका दिखाई
चौपड़ के उस खेल में गलती से एक बार माता पार्वती को हारा हुआ घोषित कर दिया, जिससे क्रोधित होकर माता पार्वती ने उसे श्राप दे दिया और वह बालक लंगड़ा हो गया. बालक के क्षमा मांगने पर माता पार्वती ने कहा कि- दिया हुआ श्राप तो वापस नहीं हो सकता है. लेकिन अगर तुम गणेश की प्रार्थना करो तो तुम्हारे संकट जरूर दूर हो जाएंगे. तभी से ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की प्रार्थना करने से शारीरिक और मानसिक संकट दूर हो जाते हैं.