खंडवा। तीर्थनगरी ओंकारेश्वर (Omkareshwar) में रविवार सुबह नागर घाट (Nagar Ghat) के पास अचानक नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से नर्मदा नदीं में स्नान कर रहे 20 से अधिक श्रद्धालु तेज बहाव देखकर अत्यधिक घबरा गए और मदद के लिए चिल्लाने लगे. नदी के किनारे पर उपस्थित गोताखोरों को जैसे ही इस बात की सूचना मिली वैसे ही सभी गोताखोर बोट और रस्सियों की मदद से सभी फंसे लोगों को बहार निकालने में जुट गए.
आज रविवार की सुबह सुबह करीब 9 बजे के आसपास नर्मदा का जलस्तर अचानक ही बढ़ने लगा. जलस्तर बढ़ता देख नदी के बीच स्नान कर रहे 10 से 12 लोग नदी के बाहर आने की जगह नदी के बीच में उपस्थित चट्टान पर जा खड़े हुए।
समय के साथ साथ नर्मदा नदी का जलस्तर लगातार ही बढ़ता चला गया। इस की जानकारी तत्काल उअहन किनारे पर उपस्थित नाविकों और गोताखोरों दी गयी फिर तुरंत ही सभी वहां पहुंचकर उनकी मदद की। सूचना मिलते ही मांधाता थाना प्रभारी बल जीत सिंह बिसेन और तहसीलदार उदय मंडलोई ने चट्टान पर फंसे युवकों का रेस्क्यू करवाया।
थाना प्रभारी बलजीत सिंह बिसेन के मुताबिक, महाराष्ट्र के 14 युवा श्रद्धालु ओंकारेश्वर दर्शन करने आए थे। इनके अलावा कुछ और श्रद्धालु भी थे। सभी नर्मदा में चट्टानों पर जाकर स्नान कर रहे थे। बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नदी में बहाव तेज हो गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि श्रद्धालुओं के कदम डगमगाने लगे।
वे चट्टानों के सहारे खड़े हो गए। इधर, पानी का लेवल भी बढ़ता जा रहा था। श्रद्धालु अलग-अलग चट्टानों पर फंसे हुए थे। जिस वक्त यह घटनाक्रम हुआ, तब नदी में बोटिंग भी हो रही थी। गोताखोरों ने श्रद्धालुओं को रस्सी पकड़ाई, इसके सहारे सभी को एक-एक कर किनारे पर लाया गया।
थाना प्रभारी बिसेन ने बताया कि एनएचडीसी द्वारा प्रतिदिन बिजली उत्पादन के लिए टरबाइन चलाकर पानी छोड़ा जाता है। इससे एक निर्धारित सीमा तक नर्मदा का जलस्तर बढ़ता है। टरबाइन शुरू होने के पूर्व सायरन बजाया गया, लेकिन युवकों ने ध्यान नहीं दिया। नागर घाट के नीचे चट्टान पर फंसे सभी युवकों को नाविकों की मदद से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाल लिया है। किसी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है।
वहीं, एसडीएम चंदरसिंह सोलंकी ने बताया कि ओंकारेश्वर विद्युत परियोजना के चार टरबाइनसे नर्मदा में एक-एक घंटे के अंतराल से पहली बार सुबह नौ बजे पानी छोड़ा गया था। बांध प्रशासन ने टरबाइन से पानी छोड़ने के साथ सायरन भी बजाए, लेकिन बाहरी श्रद्धालु स्थानीय स्थिति से वाकिफ नहीं थे। 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया है।
महाकाल लोक से ओंकारेश्वर भी पहुंचते हैं श्रद्धालु
उज्जैन में महाकाल लोक बन जाने के कारण रोजाना भारी संख्या में वहां श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यही श्रद्धालु ओंकारेश्वर भी दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। इन दिनों नदी में पानी कम है। ऐसे में श्रद्धालु नदी के बीच चट्टानों पर जाकर बैठ जाते हैं। बांध से कभी भी पानी छोड़ दिया जाता है।
कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने कहा की रोज की तरह एनएचडीसी द्वारा बिजली उत्पादन के लिए तीन से चार चार टरबाइन सुबह शुरू की गई थी इससे पूर्व लोगों को अलर्ट करने के लिए सायरन बजाया गया। नर्मदा में नहाने वालों को पानी से बाहर आने के लिए लोगों ने कहा, लेकिन कुछ युवक नहीं माने।
घाट पर मौजूद होमगार्ड के जवानों और नाविकों ने उन्हे पानी से बाहर निकाल लिया। टरबाइन से पानी छोड़ने पर लेवल धीरे-धीरे बढ़ता है। अचानक पानी बढ़ने जैसी कोई बात नहीं है।