उज्जैन । आज से सावन का महीना शुरू हो गया है। श्रावण मास में देश विदेश से हजारों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने उमड़ेंगे। विश्व प्रसिद्ध ज्योर्तिलिंग महाकाल मंदिर में श्रावण व भादौ मास में आम भक्त भगवान महाकाल का जलाभिषेक नहीं कर सकेंगे।
मंदिर समिति ने आम दर्शनार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, बिना किसी भेद भाव के गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित किया है। मंदिर के गर्भगृह में 14 जुलाई से 22 अगस्त तक प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
इस दौरान आम भक्तों को भगवान के दर्शन गणेश मंडपम् से हो सकेंगे। दर्शन के लिए आने वाले भक्त कार्तिकेय मंडपम् से लगे जलपात्र में जल डाल सकेंगे। इस जल से पाइप के माध्यम से महाकाल का अभिषेक होगा। इस दौरान सिर्फ मंदिर के पुजारी ही गर्भगृह में जाकर भगवान का जलाभिषेक करेंगे।
तय व्यवस्था के तहत दर्शनार्थियों को गणेश मंडपम् से भगवान महाकाल के दर्शन होंगे। समिति ने कावड़ यात्रियों की धार्मिक भावना का भी ध्यान रखा है। देशभर से आने वाले कावड़ यात्री कार्तिकेय मंडपम् में लगे जल पात्र से भगवान को जल अर्पित कर सकेंगे। सावन में आस्था के महा सैलाब को देखते हुए सुगम दर्शन, पार्किग, लोक परिवहन के साधन, चिकित्सा सुविधा आदि के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
अलग-अलग द्वारों से दर्शनार्थियों का प्रवेश होगा। दर्शनार्थियों को व्यवस्था की जानकारी आसानी से मिल सके, इस हेतु संपूर्ण मंदिर परिक्षेत्र में सूचना बोर्ड भी लगाए जाएंगे। कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो वर्ष में महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था में समय-समय पर बदलाव होता रहा है। दो साल पहले ही गर्भगृह में आमतौर पर प्रवेशित प्रतिबंधित ही रहता था। अपवाद स्वरूप जिस दिन भक्तों की संख्या कम होती थी, मंदिर प्रबंधन उन्हें दर्शन करने और जलाभिषेक करने की अनुमति दे देता था।
सावन के पहले दिन राजा के रुप में हुआ महाकाल का श्रंगार
सावन मास के पहले दिन पंडित महेश पुजारी ने बाबा महाकाल का विधि विधान से पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान महाकाल को भस्म अर्पित कर उनका श्रृंगार हुआ। सुबह मंदिर के पट खुलते ही पंडे पुजारियों ने हरिओम और काजल भगवान महाकाल को अर्पित किया।
इसके बाद बाबा महाकाल का पंचामृत अभिषेक कर बाबा महाकाल का श्रृंगार किया गया। बाबा महाकाल को राजा के रूप में तैयार कर बाबा भस्मी अर्पित की गई। इसके पश्चात पंडित महेश पुजारी ने महाकाल बाबा की भस्म आरती की। जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़ चढक़र हिस्सा लिया।