कृषि कानूनों को वापस लेने को लेकर 27 फरवरी को रीवा में होगा कांग्रेस का किसान महासम्मेलन

Khabar Satta
By
Khabar Satta
खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
3 Min Read

भोपाल। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और किसान आंदोलन के समर्थन में मध्यप्रदेश कांग्रेस 27 फरवरी को रीवा में किसान महासम्मेलन करेगी। इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सहित वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे। इसके पहले 20 फरवरी तक सभी जिलों में किसान संघर्ष पदयात्रा होगी। इसमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और मध्य प्रदेश के सह प्रभारी हिस्सा लेंगे।

कांग्रेस प्रदेश के 20 फरवरी तक सभी जिलों में निकालेगी किसान संघर्ष पदयात्रा

प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने बताया कि 10 फरवरी से जिलों में किसान संघर्ष पदयात्रा निकाली जा रही है। 20 फरवरी तक सभी जिलों में पदयात्रा हो जाएगी। इसमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और प्रदेश के प्रभारी सचिव सुधांशु त्रिपाठी और कुलदीप इंदौरा हिस्सा लेंगे। पदयात्रा के साथ-साथ संगठन की गतिविधियों और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बैठकें भी होंगी। 27 फरवरी को रीवा में किसान महासम्मेलन होगा, जिसमें पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।

बिहार के लिट्टी-चोखा में है दम, मप्र में इससे दूर होगा कुपोषण

बिहार के पारंपरिक भोजन लिट्टी-चोखा की पौष्टिकता अब मध्य प्रदेश के बच्चों को सेहतमंद बनाएगी। मध्य प्रदेश सरकार इस भोजन को कुपोषण से मुक्ति के लिए प्रमुख आधार बना रही है। सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों की रेसिपी (पाक विधि) में बदलाव कर रही है। अब कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती-धात्री माताओं के भोजन (रेडी-टू-ईट) में मोटा अनाज (ज्वार, बाजरा, सफेद-पीली मक्का, मूंगफली, कोदो एवं कुटकी) शामिल किया जा रहा है, जिसमें लिट्टी-चोखा और रोटी भी रहेगी। मार्च-2021 से आंगनबाड़ी केंद्रों में नई रेसिपी में चयनित व्यंजन ही तैयार होंगे। बता दें कि मध्य प्रदेश में 94 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र हैं

कुपोषण के मामले में देश में तीसरा नंबर है मप्र का

कुपोषण के मामले में मध्य प्रदेश का देश में तीसरा स्थान है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के मुताबिक राज्य में 48 लाख से ज्यादा कुपोषित बच्चे हैं और 56 फीसद गर्भवती महिलाओं में खून की कमी है। इन्हें अब स्थानीय अनाज (कृषि व वनोपज) खिलाया जाएगा, इसलिए आंगनबा़़ड़ी केंद्रों की रेसिपी में बदलाव किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी केंद्रों की रेसिपी में लिट्टी-चोखा, आंवला-अमरूद की चटनी सहित तमाम पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल कर रहा है। बता दें कि वर्तमान में मप्र सरकार आंगनबाड़ी के बच्चों को हर हफ्ते एक किलो 200 ग्राम और महिलाओं को डेढ़ किलो रेडी-टू-ईट (भोजन) दे रही है। इसमें गेहूं, चना, चावल, दाल, मूंगफली दाना शामिल है।

लिट्टी-चोखा को इसलिए चुना

लिट्टी में भुने हुए गेहूं, चना और जौं का आटा इस्तेमाल होता है। इसमें शामिल भुने हुए चने का आटा शरीर में शुगर लेवल नियंत्रित करता है। वहीं बैंगन का चोखा कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है। जिससे रक्तचाप और हृदय रोग से बचाव होता है।

Share This Article
Follow:
खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *