जबलपुर: जिला प्रशासन एवं खाद्य सुरक्षा विभाग ने मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में प्रदूषण का हवाला देते हुए होटल, रेस्टोरेंट एवं ढाबा में जलने वाले तंदूर बंद करने का आदेश जारी कर दिया है.
जिससे अब आपको जबलपुर के होटल, रेस्टोरेंट एवं ढाबों में तंदूरी रोटी खाने के लिए नहीं मिल पाएगी. जबलपुर जिला प्रशासन ने होटल संचालकों को ढाबे, होटल से तंदूर हटाने के लिए तीन दिन का समय दिया है.
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खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज श्रीवास्तव ने गुरुवार को बताया कि विभाग ने शहर के 50 से अधिक होटलों, रेस्टारेंट और ढाबा मालिकों को नोटिस जारी कर लकड़ी और कोयला आधारित तंदूर का उपयोग बंद कर उन्हें इलेक्ट्रिक या एलपीजी का इस्तेमाल किए जाने के निर्देश दिए हैं।
जिसके बाद कई होटल संचालकों का कहना है कि कोयला और इलेक्ट्रिक यदि तंदूर के लिए उपयोग करेंगे तो वो काफी महंगा पड़ेगा जिसकी वजह से रोटी की कीमत काफी बढ़ जाएगी उससे अच्छा तो हम तंदूरी रोटी हीओ बनाना बंद कर दें.
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हालाँकि यह फैसला जिला प्रशासन ने लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए होटल और रेस्टोरेंट में चलने वाले तंदूर की भट्टियां हैं जिसमें शहर के 50 होटलों को नोटिस जारी कर तंदूर का कम से कम उपयोग करने और उसके बदले एलपीजी आधारित गैस का प्रयोग किए जाने के निर्देश दिए हैं।
जिला प्रशासन की माने तो तंदूर में इस्तेमाल होने वाले कोयला और लकड़ी के धुएं से प्रदूषण तो फैलता ही है। साथ ही, तंदूर की रोटियों मे कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।
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लिहाजा, तंदूर के बजाय अब इलेक्ट्रिक या एलपीजी आधारित गैस का उपयोग किया जाना जरूरी है। खाद्य सुरक्षा विभाग के मुताबिक नियमों का पालन न करने वाले होटल और रेस्टोरेंट मालिकों पर 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
वहीं जिला प्रशासन के आदेश के बाद से स्वाद के शौकीनों के लिए तंदूर की रोटी का स्वाद अब जल्द ही गुजरे जमाने की बात होने वाली है साथ ही होटल, ढाबा और रेस्टारेंट संचालकों के होश उड़ गए हैं।