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MP के धार में Strawberry की फसल: किसानों की आर्थिक स्थिति ही रही मजबूत

By: SHUBHAM SHARMA

On: Monday, October 14, 2024 5:22 PM

Strawberry crop in Dhar, MP
Strawberry crop in Dhar, MP - MP के धार में Strawberry की फसल: किसानों की आर्थिक स्थिति ही रही मजबूत
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धार जिले में कृषि से संबंधित नई तकनीकों और योजनाओं के साथ किसान अब अपने खेतों में केवल पारम्परिक फसलों तक सीमित नहीं रहे। अब वे नए आयामों और आर्थिक उन्नति के अवसरों को तलाश रहे हैं। इस प्रक्रिया में, एकीकृत बागवानी विकास मिशन एक महत्वपूर्ण योजना के रूप में उभरा है, जो किसानों को उद्यानिकी फसलों की ओर प्रेरित कर रहा है। इस योजना के तहत, किसानों को न केवल लाभदायक फसलों की जानकारी दी जाती है, बल्कि उन्हें आर्थिक सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है।

एकीकृत बागवानी विकास मिशन क्या है?

एकीकृत बागवानी विकास मिशन, भारत सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है। इसके अंतर्गत, किसानों को फल, सब्जियाँ, मसाले और औषधीय पौधों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अलावा, मल्चिंगड्रिप सिंचाई प्रणाली, और खाद प्रबंधन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके किसान बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं।

इस योजना के तहत किसानों को न केवल फसलों के बारे में जानकारी दी जाती है, बल्कि उन्हें आर्थिक मदद भी दी जाती है, जिससे वे अपनी खेती के तरीकों को सुधार सकें और अधिक मुनाफा कमा सकें।

बदनावर के किसान श्री बाबूलाल पाटीदार की सफलता की कहानी

धार जिले के बदनावर के ग्राम तिलगारा के किसान श्री बाबूलाल पाटीदार ने इस मिशन का लाभ उठाकर अपनी आर्थिक स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया। वर्षों से पारम्परिक फसलों, जैसे सोयाबीन और गेहूँ, की खेती करते हुए उन्हें मुनाफे में कठिनाई हो रही थी। इसी समस्या के समाधान के लिए उन्होंने उद्यानिकी विभाग से संपर्क किया और अधिकारियों की सलाह पर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की।

स्ट्रॉबेरी की खेती से मुनाफा

श्री बाबूलाल ने अपने एक हेक्टेयर खेत में स्ट्रॉबेरी की फसल लगाई और आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया, जिसमें मल्चिंग और ड्रिप सिंचाई प्रमुख थीं। इसके साथ ही, उन्हें 180 क्विंटल स्ट्रॉबेरी की उपज प्राप्त हुई। इन स्ट्रॉबेरी को उन्होंने जयपुर, भोपाल और इंदौर की मंडियों में बेचा, जिससे उन्हें 2 लाख रुपये से अधिक का मुनाफा हुआ।

कृषि में आधुनिक तकनीकों का उपयोग

श्री बाबूलाल की सफलता का मुख्य कारण उनकी खेती में वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग था। उन्होंने मल्चिंग और ड्रिप सिंचाई जैसी तकनीकों का सहारा लिया, जिससे फसल को पर्याप्त पोषण और पानी मिला। इसके अलावा, खाद प्रबंधन का ध्यान रखकर उन्होंने अपनी उपज की गुणवत्ता को भी बेहतर किया।

श्री बाबूलाल ने पहली बार तो स्ट्रॉबेरी के पौधे खरीदकर लगाए थे, लेकिन बाद में उन्होंने मदर प्लांट से पौधे तैयार कर लिए। इसके कारण उनकी खेती की लागत में भी कमी आई और उन्हें अधिक मुनाफा हुआ।

सरकारी अनुदान और मदद

किसान श्री बाबूलाल को स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए राज्य सरकार से 1 लाख 12 हजार रुपये का अनुदान मिला। यह अनुदान उनके कृषि कार्य में काफी सहायक सिद्ध हुआ। इससे उन्होंने खेती के लिए आवश्यक उपकरण खरीदे और अपनी फसल की उत्पादकता को बढ़ाया।

एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अन्य लाभ

एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत किसानों को न केवल आर्थिक मदद मिलती है, बल्कि उन्हें तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, किसानों को उनके क्षेत्र की मिट्टी और जलवायु के अनुसार फसलों का चयन करने में मदद की जाती है, ताकि वे अधिक उपज प्राप्त कर सकें।

पंजीयन प्रक्रिया और जानकारी

इस योजना के तहत, किसानों को MPFSTS पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा दी गई है। किसान इस पोर्टल पर जाकर अपना पंजीयन करा सकते हैं और मिशन के तहत मिलने वाले लाभों का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, किसान उद्यानिकी विभाग के मैदानी अधिकारियों से भी विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

MPFSTS पोर्टल पर पंजीयन करने के लिए किसानों को अपनी जमीन के दस्तावेज और व्यक्तिगत जानकारी के साथ पंजीयन करना होता है। इसके बाद, वे सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी और तकनीकी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

किसानों के लिए भविष्य की संभावनाएं

एकीकृत बागवानी विकास मिशन के माध्यम से किसानों को उनकी पारम्परिक फसलों के अलावा उद्यानिकी फसलों की ओर आकर्षित किया जा रहा है। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हो रही है, बल्कि उन्हें कृषि में आत्मनिर्भरता भी प्राप्त हो रही है। वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग करके किसान अपनी उपज की गुणवत्ता और मात्रा को बढ़ा सकते हैं, जिससे उनका आर्थिक उन्नति का रास्ता साफ हो रहा है।

किसानों के लिए यह एक सुनहरा मौका है कि वे पारम्परिक फसलों से हटकर नई और लाभदायक फसलों की खेती करें, जिससे उन्हें ज्यादा मुनाफा और आर्थिक स्थिरता प्राप्त हो सके। इस मिशन के तहत आने वाले समय में और भी किसान नए प्रयोग कर सकते हैं और अपने खेतों से बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं।

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