इंदौर: कड़ाके की ठंड में इंदौर से आई अमानवीय तस्वीर के बाद देश भर में इस कृत्य की निंदा हो रही है। बुजुर्गों के साथ अभद्रता की तस्वीरें सामने आने पर हर किसी के मन में ये सवाल है कि आखिर इंदौर नगरनिगम ने ऐसा क्यों किया। वहीं इस घटना को लेकर कोरोना काल में गरीबों के लिए मसीहा बनकर उभरे सोनू सूद ने भी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने ट्वीट के माध्यम से एक वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि आप मिलकर इन्हें एक छत देने की कोशिश करें।
दरअसल, शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें इंदौर नगर-निगम की एक गाड़ी बेघर बुजुर्गों को शहर के बाहर देवास हाईवे पर सामान समेत छोड़ने पहुंची।
निगम कर्मी उन्हें ट्रक से उतार रहे थे इसी दौरान स्थानीय लोगों ने निगम कर्मियों से शहर से बाहर यूं हाईवे पर छोड़ने का विरोध किया और बुजुर्गों को यूं लावारिस जानवरों की तरह खुले में छोड़ने का कारण पूछा तो निगमकर्मी कोई साफ जवाब नहीं दे सके। जिसके बाद उन्होंने एक-एक कर सभी बुजुर्गों को वापस उसी ट्रक में बैठा दिया, जिस ट्रक में वह उन्हें लेकर शहर से बाहर लाए थे और फिर वे वहां से रवाना हो गए। इस निंदनीय घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया।
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि इंदौर स्वच्छता में तो अभी प्रथम हुआ है मगर मानवीय संबंधों में प्रथम पहले से है। इंदौर की पहचान नष्ट ना होने दे। मैं मन से दुखी हूं।