श्रावण मास के दूसरे सोमवार 29 जुलाई को उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी को पुलिस ब्रास बैंड के 350 नव प्रशिक्षित जवान और अधिक भव्यता प्रदान करेंगे। बैंड के द्वारा प्रस्तुत मधुर धुनों से सवारी में उत्साह, उमंग और आकर्षण कई गुना बढ़ जायेगा। मध्यप्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों में पुलिस के जवानों को 6 माह का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके साथ ही पुलिस बैंड द्वारा क्षिप्रा तट पर पूजन के समय दत्त अखाड़ा घाट पर भी विशेष प्रस्तुति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिस बैंड की महत्ता पर बल देते हुए हर जिले में पुलिस बैंड की स्थापना और इसके लिए इच्छुक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें बैंड में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश पर प्रदेश की पुलिस इकाइयों में पुलिस जवानों को बैंड वादन सहित वाद्ययंत्रों का प्रशिक्षण दिया गया।
पुलिस बैंड: म.प्र. पुलिस के गौरवशाली इतिहास का महत्वपूर्ण पहलू
मध्यप्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास का एक महत्वपूर्ण पहलू मध्यप्रदेश पुलिस बैंड रहा है। मध्यप्रदेश पुलिस बैंड की स्थापना वर्ष 1988 में 7वीं वाहिनी, विशेष सशस्त्र बल, भोपाल में की गई थी। इसके बाद प्रथम वाहिनी इंदौर, 2री वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (विसबल) ग्वालियर, 6वीं वाहिनी विसबल जबलपुर और जेएनपीए सागर में पुलिस बैंड की शाखाओं को खोला गया था।
वर्तमान में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन की विसबल इकाइयों में ब्रास बैंड तथा रीवा इकाई में पाइप बैण्ड स्थापित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर 6 माह के प्रशिक्षण के बाद अब प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस बैंड की स्थापना की गई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा सभी जिलों में स्थापित पुलिस बैंड में विधिवत रूप से भर्तियां किए जाने की भी घोषणा की है।
स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के लिए पुलिस बैंड तैयार
प्रत्येक जिले में पुलिस बैंड की स्थापना के लिये प्रथम वाहिनी विसबल, इंदौर, 6 वीं वाहिनी विसबल जबलपुर एवं 7वीं वाहिनी विसबल भोपाल के 321 जवानों को प्रशिक्षण दिया गया तथा 19 कर्मचारियों को एसटीसी बैंगलुरू भेजा गया था। इस प्रकार कुल 340 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण उपरांत मध्यप्रदेश में आगामी 15 अगस्त 2024 के राष्ट्रीय पर्व के लिए समस्त जिलों में पुलिस बैण्ड दल स्थापित किया गया।
‘स्वर-मेघ’ कार्यक्रम में पुलिस बैंड की प्रस्तुति
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य में 18 जुलाई 2024 को भोपाल के मोतीलाल नेहरू पुलिस स्टेडियम में पुलिस के बैंड अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा ‘स्वर-मेघ’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में ब्रास बैण्ड कॉन्सर्ट और पुलिस बैंड डिस्प्ले की प्रस्तुति दी गई। पुलिस ब्रास बैंड के सदस्यों ने कार्यक्रम में फैन फेयर, क्विक मार्च, स्लो मार्च, स्टैंडिंग डिस्प्ले, ड्रम बीटिंग, विभिन्न फिल्मी गीतों और देशभक्ति से ओतप्रोत मधुर धुनों की प्रस्तुतियां देकर समां बांध दिया था।
बाबा महाकाल की सवारी में विशेष प्रस्तुति
श्रावण मास के दूसरे सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी के अवसर पर उज्जैन में पुलिस बैंड की 350 जवानों की विशेष प्रस्तुति दी जाएगी। यह सवारी उज्जैन के मुख्य मार्गों से होकर निकलेगी, जहां लाखों श्रद्धालु महाकाल की झांकी के दर्शन करेंगे। इस अवसर पर पुलिस बैंड के मधुर धुनों और भव्य परिधानों में सजे बैंड सदस्यों द्वारा श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया जाएगा।
पुलिस बैंड का महत्त्व और प्रशिक्षण
पुलिस बैंड के महत्व को समझते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे प्रदेश की सभी जिलों में स्थापित करने का निर्णय लिया है। प्रत्येक जिले में पुलिस बैंड के गठन के लिए विशेष सशस्त्र बल (विसबल) के 321 जवानों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस प्रशिक्षण में बैंड वादन के विभिन्न पहलुओं जैसे वाद्ययंत्रों का संचालन, मार्चिंग तकनीक और धुनों का सामंजस्य सिखाया गया है।
उत्सवों और पर्वों में पुलिस बैंड की भूमिका
पुलिस बैंड ने स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, राज्यस्तरीय समारोहों और धार्मिक पर्वों पर अपनी विशेष प्रस्तुतियों से जनता का मन मोह लिया है। इन आयोजनों में पुलिस बैंड द्वारा बजाई जाने वाली धुनें और मार्चिंग प्रदर्शन अत्यंत आकर्षक होते हैं। बाबा महाकाल की सवारी में भी पुलिस बैंड की प्रस्तुति श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा।