मंडला में 126 करोड़ रूपये लागत की सीवरेज परियोजना प्रगति पर: 75 हजार आबादी को मिलेगा लाभ

SHUBHAM SHARMA
By
SHUBHAM SHARMA
Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
6 Min Read
मंडला में 126 करोड़ रूपये लागत की सीवरेज परियोजना प्रगति पर: 75 हजार आबादी को मिलेगा लाभ

मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधीन संचालित मंडला सीवरेज परियोजना का मुख्य उद्देश्य नर्मदा नदी के जल को स्वच्छ और निर्मल बनाये रखना है। इस परियोजना के अंतर्गत जर्मन बैंक केएफडब्ल्यू के सहयोग से मंडला नगर में 125 किलोमीटर का सीवरेज नेटवर्क बिछाया जा रहा है, जो नगर के लगभग 13 हजार से अधिक घरों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ने में सहायक होगा। यह परियोजना नर्मदा नदी को प्रदूषण से मुक्त करने और नगरवासियों को स्वास्थ्यप्रद जीवन देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

जल शोधन संयंत्र और उनका उपयोग

इस परियोजना के तहत मंडला नगर में मल-जल के निस्तार के लिए 9.50 एमएलडी क्षमता के मल-जल शोधन संयंत्र भी लगाए जा रहे हैं। ये संयंत्र मल-जल को स्वच्छ करने के बाद उसमें से प्राप्त जल को उद्यानिकी, तराई और अग्निशमन जैसे कार्यों में उपयोग करने का प्रबंध करेंगे। इससे नगर में जल संसाधनों की कमी को भी काफी हद तक दूर करने में सहायता मिलेगी।

परियोजना की कुल लागत और लाभार्थी जनसंख्या

इस परियोजना की लागत करीब 126 करोड़ रुपये है, और इसका लाभ 75 हजार से अधिक की जनसंख्या को प्राप्त होगा। इस योजना के तहत नगरवासियों को सीवरेज सुविधाएं दी जाएंगी, जो उनकी जीवनशैली को स्वस्थ और स्वच्छ बनाएगी। साथ ही, जल शोधन की प्रक्रिया से नर्मदा नदी का जल भी स्वच्छ रहेगा, जिससे पूरे क्षेत्र की पारिस्थितिकी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

मंडला सीवरेज परियोजना के विभिन्न पहलू

1. परियोजना का भौतिक ढांचा

मंडला सीवरेज परियोजना के तहत कुल 125 किलोमीटर लंबा सीवरेज नेटवर्क बिछाने की योजना है। इसके अंतर्गत सभी प्रमुख नगरों और वार्डों में पाइपलाइनों को विस्तारित किया जा रहा है। इससे नगर के 13 हजार घरों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे कि समस्त नगरवासियों को बेहतर सीवरेज सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।

2. मल-जल शोधन संयंत्र की क्षमता और कार्यशैली

इस परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा मल-जल शोधन संयंत्र हैं, जो नगर के मल-जल का शोधन करेंगे। इस संयंत्र की 9.50 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) क्षमता है, जो बड़े पैमाने पर जल को शुद्ध कर उपयोग में लाएगा। संयंत्र में शुद्धिकरण की आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा, ताकि जल को विभिन्न उपयोगों में सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सके।

3. जल के पुनः उपयोग का दृष्टिकोण

इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण पहलू जल का पुनः उपयोग है। शुद्धिकरण प्रक्रिया के बाद प्राप्त जल को उद्यानिकी, कृषि, तराई और अग्निशमन कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे पानी के संरक्षण और संसाधनों के बेहतर उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा।

4. परियोजना की कार्य समय सीमा और गुणवत्ता प्रबंधन

परियोजना के सभी कार्यों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। कार्य एजेंसी को विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि सभी काम तय मानकों के अनुसार हों। इसके अलावा, परियोजना की नियमित निगरानी के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बनाई गई है जो गुणवत्ता और समयसीमा का पालन करती है।

5. सीवरेज परियोजना से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ

इस सीवरेज परियोजना से नगरवासियों को स्वच्छता और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होगा। मल-जल के निस्तार के लिए उचित व्यवस्था होने से जलजनित रोगों में कमी आएगी और लोगों को साफ-सुथरा वातावरण मिलेगा। यह परियोजना नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने में सहायक होगी, क्योंकि इसमें साफ पानी और स्वच्छ पर्यावरण पर ध्यान दिया गया है।

6. जल संरक्षण में परियोजना का योगदान

नर्मदा नदी के जल को स्वच्छ बनाने के अलावा, परियोजना में जल संरक्षण का भी विशेष ध्यान रखा गया है। जल शोधन संयंत्र से निकले पानी को विभिन्न उपयोगों में प्रयोग करने से नगर के जल संसाधनों पर कम दबाव पड़ेगा, जिससे भविष्य में जल संकट की समस्याएं दूर होंगी। यह कदम नगर के समग्र विकास और पर्यावरण संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है।

परियोजना के दीर्घकालिक प्रभाव

1. नर्मदा नदी की स्वच्छता और पारिस्थितिकी संरक्षण

इस परियोजना का दीर्घकालिक प्रभाव नर्मदा नदी की स्वच्छता पर देखने को मिलेगा। सीवरेज और मल-जल के उचित प्रबंधन से नदी के जल में प्रदूषण की मात्रा कम होगी, जिससे नदी का पारिस्थितिकी संतुलन बना रहेगा और आसपास के वनस्पति एवं जीवों को अनुकूल वातावरण मिलेगा।

2. नगर के विकास में सकारात्मक बदलाव

सीवरेज परियोजना से नगर में मूलभूत ढांचागत विकास होगा। इससे नगरवासियों को साफ-सुथरे वातावरण में रहने का अवसर मिलेगा, जिससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा। साथ ही, इस परियोजना से मंडला नगर का समग्र विकास भी तेजी से होगा, जिससे नगर का आर्थिक और सामाजिक ढांचा मजबूत बनेगा।

3. जल जनित रोगों की रोकथाम

सुनियोजित सीवरेज प्रणाली और मल-जल निस्तार के चलते जलजनित रोगों की रोकथाम में भी मदद मिलेगी। स्वच्छता और स्वास्थ्य प्रबंधन के इस कदम से लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और उन्हें विभिन्न रोगों से बचाया जा सकेगा।

Share This Article
Follow:
Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *