भोपाल (मध्य प्रदेश): एमपी बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने में शामिल लोगों पर अगले साल से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। कानून में 10 साल की जेल और 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन पर 10वीं और 12वीं के पेपर लीक होने के बाद यह फैसला आया है।
नईदुनिया की एक रिपोर्ट के अनुसार , एमपीबीएसई की एक कार्यकारी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया. साथ ही प्रश्न पत्र लीक करने वाले किसी भी शिक्षक की संलिप्तता पाए जाने पर बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया।हालांकि अभी इस संबंध में आदेश जारी होना बाकी है।
मप्र मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937 की धारा 14 के अनुसार एमपीबीएसई 10वीं और 12वीं परीक्षा के प्रश्नपत्रों की गोपनीयता भंग करने पर तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है।
हालांकि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों पर बोर्ड और भी सख्त हो गया है और इस अधिनियम को एनएसए के दायरे में लाने का फैसला किया है.
शासन को जल्द प्रस्ताव भेजा जाएगा
एमपीबीएसई की कार्यकारिणी बैठक का आयोजन अध्यक्ष वीरा राणा की अध्यक्षता व सचिव श्रीकांत बनोठ की उपस्थिति में किया गया. बोर्ड का यह प्रस्ताव जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।
सरकार की स्वीकृति मिलते ही परीक्षा अधिनियम में संशोधन की कार्रवाई की जाएगी और सत्र 2024-25 की परीक्षाओं से पहले नया प्रावधान लागू कर दिया जाएगा।
बैंकों में रखे जाएंगे प्रश्नपत्र
बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के प्रश्नपत्र पुलिस थानों की बजाय बैंकों में रखने का भी फैसला किया है। कार्यकारी समिति की बैठक में फैसला लिया गया कि सीबीएसई के पेपर बैंकों में रखे जाते हैं और ये बेहद गोपनीय होते हैं. इसी तर्ज पर एमपी बोर्ड के पेपर थानों की बजाय परीक्षा केंद्रों के पास बैंकों में रखे जाएंगे।
गौरतलब है कि इस साल 10 विषयों के प्रश्नपत्र लीक होकर सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। जांच के दौरान सामने आया कि इनमें से ज्यादातर मामलों में शिक्षक शामिल थे।