MP WEATHER TODAY: भोपाल में हल्की बारिश शुरू, मध्य प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी. भोपाल में मौसम का मिजाज बदल चुका है, और भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आगामी चार दिनों में मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
भोपाल के कुछ इलाकों में हल्की बारिश शुरू हो चुकी है और अगले कुछ दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।
आईएमडी के अनुसार, मध्य प्रदेश के चार जिलों – अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला और बालाघाट में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इन जिलों में 24 घंटों के भीतर 8 इंच तक बारिश होने की उम्मीद है, जो जनजीवन को प्रभावित कर सकती है।
मध्य प्रदेश के 25 से अधिक जिलों में भारी बारिश की संभावना
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने जानकारी दी कि मानसून की द्रोणिका मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है, जिससे राज्य में कई स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। अगले 4 से 5 दिनों के दौरान, कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है, जबकि अन्य क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। आईएमडी ने राज्य के 25 से अधिक जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
राज्य में कहां हो रही है बारिश
रविवार को मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई। भोपाल के साथ-साथ छतरपुर जिले के खजुराहो, उमरिया, बालाघाट के मलाजखंड, बैतूल, धार, गुना, पचमढ़ी, रतलाम और उज्जैन में भी बारिश का दौर जारी रहा।
इसके अलावा, राजगढ़ जिले के सारंगपुर और नर्मदापुरम के इटारसी में भी बारिश दर्ज की गई है। भारतीय मौसम विभाग ने यह भी बताया कि मानसून की ट्रफ लाइन उत्तरी भारत से होकर गुजर रही है, जिसके चलते राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है।
बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र से मौसम पर असर
बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में ओडिशा के पास बना कम दबाव का क्षेत्र अगले 24 से 48 घंटों में और मजबूत हो सकता है, जिसका असर मध्य प्रदेश के मौसम पर भी पड़ेगा। आईएमडी ने चेतावनी दी है कि यह दबाव राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश का कारण बन सकता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।
मध्य प्रदेश में अब तक हुई बारिश का विवरण
अब तक के मौसम में, मध्य प्रदेश में औसतन 36.4 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो मौसमी औसत का 98% है। राज्य में सामान्य बारिश 37.3 इंच होती है, जिसका मतलब है कि राज्य में सामान्य स्तर तक पहुंचने के लिए केवल 1 इंच और बारिश की आवश्यकता है। राज्य के 28 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिसमें श्योपुर जिले में सबसे अधिक 169% बारिश हुई है।
इंदौर, उज्जैन और रीवा संभागों में कम बारिश
हालांकि, राज्य के कुछ हिस्सों में अभी भी बारिश की कमी बनी हुई है। इंदौर, उज्जैन और रीवा संभागों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। विशेष रूप से, रीवा जिले में केवल 60% (23.3 इंच) बारिश हुई है, जो सामान्य से काफी कम है।
मंडला और सिवनी में सबसे अधिक बारिश
अब तक के आंकड़ों के अनुसार, मंडला जिले में सबसे अधिक 48.18 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि सिवनी में 47.87 इंच, श्योपुर में 45.89 इंच, और डिंडोरी में 44 इंच बारिश हुई है। भोपाल में अब तक 43 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जो राज्य में पांचवें स्थान पर है। इसके अलावा, सीधी, छिंदवाड़ा, रायसेन, सागर और राजगढ़ जैसे जिलों में भी 40 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है।
मुख्य बांधों में जलस्तर में वृद्धि
जुलाई और अगस्त में हुई भारी बारिश के कारण, भोपाल के कोलार, कलियासोत, केरवा और भदभदा के साथ-साथ नर्मदापुरम के तवा और अन्य बड़े बांधों में जल स्तर बढ़ गया है। इसके अलावा, बाणसागर, कुंडलिया, बरगी, इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, जोहिला, परसडोह और चंदौरा जैसे प्रमुख बांधों में भी जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। आने वाले चार दिनों में संभावित भारी बारिश के कारण इन बांधों के गेट फिर से खोले जा सकते हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की संभावना बढ़ सकती है।