भोपाल । मध्य प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र के मध्य में (दमोह-सागर के आसपास) कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। पिछले चार दिन से यह सिस्टम इसी स्थान पर स्थिर बना हुआ है। इसके चलते ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो रही है।
मानसून ट्रफ भी कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इस वजह से लगातार मिल रही नमी के कारण यह सिस्टम शक्तिशाली बना हुआ है। इसके प्रभाव से मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलों में भी रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला बना हुआ है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि मौसम विभाग ने आने वाले पांच दिनों के लिए मध्य प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कम दबाव का एक क्षेत्र उत्तर पश्चिमी मप्र और आसपास के इलाकों में बना है।
मानसूनी ट्रफ रेखा गंगानगर, नारनौल, उत्तर पश्चिमी मप्र के ऊपर निम्र दबाव के क्षेत्र के केन्द्र से गुजरती हुई वाराणसी, गया, बांकुरा के साथ दक्षिण पूर्व की ओर बंगाल की उत्तरपूर्वी खाड़ी की ओर जा रही है। इस करण आने वाले 5 दिनों में मप्र के कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
इन जिलों में जारी हुआ अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों के दौरान विदिशा, रायसेन, राजगढ़, गुना एवं अशोकनगर में भारी से अति भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान कहीं-कहीं 64.5 से 204.4 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है।
इसी तरह सीहोर, शाजापुर, आगर, नीमच, मंदसौर, शिवपुरी, दतिया, श्यौपुरकलां, सिवनी, सागर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों में भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया है। शनिवार तक इन जिलों में कहीं-कहीं 64.5 से 115.5 मिलीमीटर तक वर्षा हो सकती है।
इसके अतिरिक्त सागर, रीवा, जबलपुर, शहडोल, भोपाल, होशंगाबाद, उज्जैन, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पडऩे की संभावना है।
उधर पिछले 24 घंटों के दौरान शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक गुना में 65, रायसेन में 33.2, भोपाल 30.2, शाजापुर में 30, पचमढ़ी में 26, सागर में 12.8, बैतूल में 10.8, मंडला में 9.4, होशंगाबाद में 8.4, दतिया में 8.2, इंदौर में 7.6, नरसिंहपुर में सात, जबलपुर में पांच, ग्वालियर में 3.9, नौगांव में 3.6, उज्जैन, टीकमगढ़, दमोह में तीन, धार में 0.7, मलाजखंड में 0.6 मिलीमीटर बारिश हुई।