MP PATWARI EXAM GHOTALA: MP पटवारी परीक्षा भर्ती पर सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने रोक लगा दी है। एमपी पटवारी भर्ती परीक्षा (MP Patwari Bharti Exam) के रिजल्ट जारी होने के बाद से ही लगातार घोटाले की बात सामने आ रही थी और प्रदेश में जगह जगह आन्दोलन होने शुरू हो गए थे.
इन सबके बीच सीएम शिवराज ने बड़ा फैसला लिया है सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस एमपी पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम के बाद इसपर रोक लगा दी है. उम्मीदवारों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया, विपक्षी दल कांग्रेस भी लगातार सरकार को घेरने में पीछे नहीं हटा तब शिवराज ने इस मुद्दे पर फैसला लिया।
मुख्यमंत्री शिवराज (CM SHIVRAJ) ने कहा कि उन्होंने उस एग्जाम सेंटर (Exam Centre) की जांच कराने की बात कही है, जहां से 7 टॉपर (MP Patwari 7 Toppers) निकलने की बात सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है.
मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा (MP PATWARI EXAM 2023) में धांधली के आरोप लगने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने फिलहाल भर्ती पर रोक दी है. शिवराज ने कहा है कि संदिग्ध सेंटर के परिणाम की फिर से जांच की जाएगी।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस भर्ती परीक्षा में धांधली को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा-
“कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेंटर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं। सेंटर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा।”
MP PATWARI BHARTI परीक्षा में धांधली के आरोप
असल में कुछ समय पूर्व हुई मध्यप्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट की घोषणा के बाद से ही लगातार आरोप लग रहे थे कि इस परीक्षा में जो टोपर की लिस्ट सामने आई है उसमे ज्यादातर टॉपर वो हैं जिन्होंने ग्वालियर के एक एग्जाम सेंटर में परीक्षा दी थी।
इस पर शक तब और गहराया जब मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल की तरफ से टॉपर्स की लिस्ट (MP PATWARI TOPPERS LIST) ही जारी नहीं की गई. छात्रों ने मांग की कि टॉपर लिस्ट जारी हो और किसने कहां पेपर दिया है ये भी बताया जाए।
इन सबके बाद बीते माह 10 जून को टॉपर लिस्ट जारी की गयी थी जिसमे यह सामने आया कि टॉप 10 में से 7 कैंडिडेट्स ने ग्वालियर (Gwalior) के NRI कॉलेज एग्जाम सेंटर (NRI College Exam Centre) में परीक्षा दी थी। उसके बाद से सवाल उठने लगे कि क्या वाकई ऐसा संभव है कि एक ही एग्जाम सेंटर में परीक्षा देने वाले ज्यादातर लोग टॉप कर जाएं? या फिर सब कुछ पहले से तय था?
आज, यानी 13 जुलाई को इस मसले पर एमपी के कई शहरों के कलेक्टर ऑफिस पर छात्रों ने प्रदर्शन भी किए। हालांकि, शाम ढलते-ढलते भर्ती को टालने का ऐलान खुद मुख्यमंत्री ने कर दिया।