भोपाल (मध्य प्रदेश): शैक्षणिक सत्र 2024-25 में 50,000 नर्सिंग छात्रों के प्रवेश को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, क्योंकि उच्च न्यायालय ने रिश्वत घोटाले के बाद सीबीआई को अनुपयुक्त और दोषपूर्ण नर्सिंग कॉलेजों की फिर से जांच करने को कहा है।
छात्रों ने परीक्षा पास कर ली है और उनके नतीजे पिछले साल 25 सितंबर को घोषित किए गए थे। लेकिन वे प्रवेश का इंतजार कर रहे हैं। चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीएमई) के अनुसार, 83,574 छात्रों ने परीक्षा फॉर्म भरे थे।
ऑनलाइन परीक्षा “प्री-नर्सिंग चयन परीक्षा (पीएनएसटी) और जनरल नर्सिंग और मिडवाइफरी ट्रेनिंग सेक्शन टेस्ट” (जीएनएमटीएसटी) -2024 9 सितंबर से 13 सितंबर के बीच भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, खंडवा, नीमच, रतलाम, रीवा, सागर, सतना और सीधी सहित 11 शहरों में आयोजित की गई थी।
कॉलेजों में रिश्वत घोटाले का मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सीबीआई को कथित रूप से धोखाधड़ी से चल रहे 169 नर्सिंग कॉलेजों की फिर से जांच करने का निर्देश दिया था, लेकिन केंद्रीय एजेंसी ने पहले ही उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।
डीएमई के निदेशक डॉ. जितेंद्र शुक्ला ने कहा, “करीब 50,000 छात्रों ने नर्सिंग परीक्षा पास की है, लेकिन उनके दाखिले पर अनिश्चितता बनी हुई है, क्योंकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई मामले की फिर से जांच कर रही है। सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेजों को क्लीन चिट दे दी है।
सीबीआई 22 अक्टूबर को रिपोर्ट पेश करने जा रही है और उसके बाद कोई भी फैसला लिया जाएगा।” सीबीआई ने इस साल जनवरी में हाईकोर्ट में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 169 कॉलेज संचालन के लिए उपयुक्त पाए गए, जबकि 73 कॉलेजों में बुनियादी ढांचे की कमी थी और 66 अनुपयुक्त थे। नर्सिंग कॉलेज रिश्वत घोटाले में सीबीआई के कई अधिकारी शामिल पाए गए थे।