भोपाल (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश के वित्त विभाग ने केंद्रीय बजट के बाद केंद्रीय करों से मिलने वाली राशि का आकलन कर लिया है। चालू वित्त वर्ष में राज्य को 97,906 करोड़ रुपए मिलेंगे।केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट में एक करोड़ युवाओं को 500 कंपनियों में इंटर्नशिप कराने और उन्हें 5,000 रुपए प्रतिमाह वजीफा देने का प्रस्ताव रखा है।
सीखो कमाओ योजना के तहत राज्य सरकार 8,000 रुपये प्रतिमाह देती है। राज्य सरकार अपनी योजना को केंद्र की योजना से जोड़ेगी, जिससे योजना के तहत भुगतान का बोझ कम होगा।
ईपीएफओ के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का राज्य पर असर पड़ेगा। मध्य प्रदेश में उच्च वेतन के साथ नौकरी शुरू करने वालों की संख्या कम है, इसलिए कम वेतन के साथ नौकरी शुरू करने वालों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
सरकार प्राकृतिक खेती पर 10,000 जैव अनुसंधान केंद्र स्थापित करेगी। इनमें से कुछ केंद्र मध्य प्रदेश को भी मिलेंगे। इसके साथ ही देशभर में 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयां स्थापित की जाएंगी और इसका लाभ राज्य को मिल सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक करोड़ नये घर बनाये जायेंगे और सांसदों को इसका हिस्सा मिलेगा।
मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में आदिवासी लोग रहते हैं। केंद्रीय बजट में आदिवासी लोगों की स्थिति सुधारने के लिए 63,000 गांवों के आर्थिक विकास का प्रावधान किया गया है।
केंद्र सरकार की योजना पांच करोड़ आदिवासी लोगों को लाभ पहुंचाने की है। इस योजना का लाभ राज्य में रहने वाले बड़ी संख्या में आदिवासी लोगों को मिलेगा।
अगस्त में लाडली बहना को 250 रुपये अतिरिक्त देगी सरकार
मोहन यादव सरकार ने 1 अगस्त को हर लाडली बहन के खाते में 250 रुपए अतिरिक्त जमा करने का फैसला किया है ताकि वे रक्षाबंधन का त्यौहार खुशी से मना सकें। यह राशि लाडली बहन को हर महीने दी जाने वाली 1250 रुपए की किश्त से अलग होगी।
250 रुपये के माध्यम से लाडली बहनें 19 अगस्त को पड़ने वाले रक्षा बंधन पर अपने लिए “साड़ी” या कोई अन्य आवश्यक चीज खरीद सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों एवं सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों से कहा कि वे 1 अगस्त से 21 अगस्त तक लाडली बहनों के घर जाकर उनकी कलाई पर राखी बंधवाएं। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन का त्यौहार एक पवित्र त्यौहार है और इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में 1.29 करोड़ लाड़ली बहनें हैं और यदि उन्हें 250 रुपए अतिरिक्त दिए जाएं तो राज्य सरकार पर 325 करोड़ रुपए से अधिक का भार आएगा।