MP: खरगोन के एकलव्य विद्यालय में महिला प्रिंसिपल और लाइब्रेरियन के बीच विवाद, वीडियो वायरल

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MP: खरगोन के एकलव्य विद्यालय में महिला प्रिंसिपल और लाइब्रेरियन के बीच विवाद, वीडियो वायरल

मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में स्थित एक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय एक चौंकाने वाली घटना का गवाह बना, जहां महिला प्रिंसिपल और लाइब्रेरियन के बीच आपसी झगड़ा इतना बढ़ गया कि वह मारपीट में बदल गया। यह घटना शुक्रवार की सुबह हुई, लेकिन इसका वीडियो शनिवार को सोशल मीडिया पर सामने आया और तेजी से वायरल हो गया।

वायरल वीडियो ने खोली स्कूल परिसर की कलह की परतें

इस वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि प्रिंसिपल प्रवीण दहिया और लाइब्रेरियन मधुरानी एक-दूसरे के साथ गंभीर मारपीट में लिप्त हैं। वीडियो में थप्पड़ मारने, बाल खींचने, और धक्का-मुक्की जैसी शर्मनाक घटनाएं दर्ज हैं। यही नहीं, प्रिंसिपल पर यह भी आरोप लगा है कि उन्होंने लाइब्रेरियन का मोबाइल फोन तोड़ दिया

इस घटना ने शैक्षणिक संस्थानों में कार्यस्थल पर व्यवहार को लेकर गहरी चिंता उत्पन्न की है। वायरल वीडियो के कारण पूरे मध्य प्रदेश में यह मुद्दा सुर्खियों में आ गया है और प्रशासन को तुरंत हस्तक्षेप करना पड़ा।

झगड़े की जड़: कार्य-संबंधी मतभेद

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह विवाद केवल व्यक्तिगत नहीं था बल्कि कार्य से संबंधित मतभेदों के चलते उत्पन्न हुआ। प्रिंसिपल प्रवीण दहिया और लाइब्रेरियन मधुरानी के बीच स्कूल प्रबंधन और जिम्मेदारियों के निर्वहन को लेकर कई दिनों से तनातनी चल रही थी।

प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि दोनों महिलाओं के बीच स्कूल में कार्य वितरण, संसाधनों के उपयोग, और कर्मचारियों के साथ व्यवहार को लेकर लंबे समय से असहमति चल रही थी, जो अंततः शारीरिक टकराव में बदल गई।

प्रशासन ने उठाए सख्त कदम, दोनों महिला अधिकारी हटाई गईं

घटना के सामने आते ही आदिम जाति कल्याण विभाग और जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों महिला अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया है। उन्हें अस्थायी रूप से सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य के कार्यालय में अटैच कर दिया गया है।

सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य ने स्पष्ट किया कि मामले की गहन जांच की जा रही है और सभी पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

दिल्ली भेजी गई रिपोर्ट, केंद्रीय स्तर पर होगी कार्रवाई

चूंकि एकलव्य विद्यालय केंद्र सरकार की एक विशेष योजना के तहत संचालित होते हैं, इसीलिए इस विवाद की रिपोर्ट सीधे दिल्ली भेजी गई है।

जिला कलेक्टर भव्या मित्तल ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए फौरन आदिम जाति कल्याण विभाग को जांच के आदेश दिए और रिपोर्ट तैयार कर केंद्रीय कार्यालय को भेज दी गई है।

यह उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर दृष्टांत रूप में कार्रवाई करेगी ताकि ऐसे संस्थानों की गरिमा बनाए रखी जा सके।

शैक्षणिक संस्थानों में अनुशासन और व्यावसायिक आचरण पर सवाल

यह घटना न केवल एक प्रशासनिक विफलता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि शैक्षणिक संस्थानों में अनुशासन और व्यावसायिक आचरण किस हद तक खतरे में है। ऐसे स्कूलों में, जहां विद्यार्थियों को सांस्कृतिक मूल्यों, अनुशासन, और नैतिकता की शिक्षा दी जाती है, वहां शिक्षकों और अधिकारियों का ऐसा व्यवहार अत्यंत निंदनीय है।

इस प्रकरण ने एक गहरी बहस को जन्म दिया है कि विद्यालयों में तनाव प्रबंधन, आपसी संवाद, और मानव संसाधन प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रमों की कितनी आवश्यकता है।

एकलव्य विद्यालय: उद्देश्य और महत्व

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (EMRS) की स्थापना जनजातीय छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए की गई थी। यह केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है जिसका उद्देश्य दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों को निशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान करना है।

लेकिन जब ऐसे विद्यालयों में ही प्रबंधन और प्रशासनिक स्तर पर असहमति और हिंसा देखने को मिलती है, तो न केवल शिक्षा प्रणाली पर प्रश्नचिह्न उठता है, बल्कि छात्रों के मानसिक विकास पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

क्या इस घटना से मिल सकती है कोई सीख?

इस घटना को मात्र एक व्यक्तिगत झगड़े के रूप में देखना उचित नहीं होगा। यह व्यवस्था में व्याप्त खामियों, प्रशिक्षण की कमी, और प्रभावी संवाद की अनुपस्थिति को उजागर करता है।

शिक्षण संस्थानों में आवश्यक है कि कर्मचारियों को सकारात्मक संवाद, तनाव प्रबंधन, और टीमवर्क के लिए नियमित प्रशिक्षण दिया जाए। इसके साथ ही, विवाद की स्थिति में त्वरित समाधान की व्यवस्थित प्रक्रिया होनी चाहिए ताकि ऐसी शर्मनाक घटनाएं भविष्य में न दोहराई जाएं।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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