MP BREAKING NEWS: नीति आयोग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, विकास योजनाओं के विस्तार से मध्य प्रदेश में 1.36 करोड़ लोगों को मिली गरीबी से मुक्ति

MP BREAKING NEWS: विकास योजनाओं के विस्तार से मध्य प्रदेश में 1.36 करोड़ लोगों को मिली गरीबी से मुक्ति

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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MP BREAKING NEWS: नीति आयोग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, विकास योजनाओं के विस्तार से मध्य प्रदेश में 1.36 करोड़ लोगों को मिली गरीबी से मुक्ति
Highlights
  • गरीबों की संख्या में 15.94% की गिरावट
  • नीति आयोग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
  • गरीबी से मुक्त होने की यात्रा पर 8 अगस्त को जारी होगी पॉलिसी ब्रीफ
  • मुख्यमंत्री श्री चौहान करेंगे संबोधित

मध्यप्रदेश में 2015-16 से 2019-21 के बीच 1 करोड़ 36 लाख लोग गरीबी के चक्र से बाहर आ गए हैं। प्रदेश में गरीबी की तीव्रता 47.25% से घटकर 43.70% हो गई है।देश से गरीबी का बोझ कम करने में मध्य प्रदेश ने 10% का उल्लेखनीय योगदान दिया है।

मध्य प्रदेश में पाँच वर्षों की अवधि में गरीबों की संख्या में 15.94% की गिरावट आई है। वर्ष 2015-16 में 36.57% से घटकर यह 2019-21 में 20.63% रह गई है। सभी राज्यों में मध्यप्रदेश में सबसे तेजी से कमी देखी गई है।

गरीबों की संख्या में कमी के मामले में सबसे उल्लेखनीय सुधार अलीराजपुर, बड़वानी,खंडवा, बालाघाट, और टीकमगढ़ में हुआ है। बहुआयामी गरीबी सूचकांक-2023 पर नीति आयोग की दूसरी रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है।

नीति आयोग 8 अगस्त को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में बहुआयामी गरीबी पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। इस अवसर पर मध्यप्रदेश में 1 करोड़ 36 लाख लोगों को गरीबी से मुक्त करने की यात्रा पर पॉलिसी ब्रीफ जारी की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य वक्तव्य देंगे। वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन के बेरी और सदस्य डॉ. वी. के. सारस्वत मध्यप्रदेश की उपलब्ध‍ियों और विकास यात्रा पर चर्चा करेंगे। राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, प्रधानमंत्री सलाहकार परिषद के सदस्य प्रोफेसर शमिका रवि, मप्र राज्य सांख्य‍िकी आयोग के अध्यक्ष श्री प्रवीण श्रीवास्तव, यूएन रेसीडेंट कोआर्ड‍िनेटर श्री शोम्बी शार्प विशेष वक्तव्य देंगे। नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. योगेश सूरी बहुआयामी गरीबी संकेतकों पर प्रारंभिक वक्तव्य देंगे।

क्या है बहुआयामी गरीबी?

गरीबी का आकलन करने के वर्तमान मापदंडों के अनुसार गरीबी को केवल पैसे की कमी से नही आँका जाता। स्वास्थ्य, पोषण, साफ पानी, बिजली, जीवन की गुणवत्ता, स्कूली शिक्षा, स्वच्छ्ता, शिशु मृत्यु, मातृत्व मृत्यु, आवास, बैंक खाता, परिसम्पत्तियां, भोजन के लिए ईंधन आदि से वंचित रहने को भी गरीबी का कारण माना जाता है।

मध्यप्रदेश में 1.36 करोड़ लोगों का गरीबी रेखा ऊपर आने का मतलब है स्वास्थ्य, पोषण, साफ पानी, बिजली, जीवन की गुणवत्ता, स्कूली शिक्षा, स्वच्छ्ता एवं अन्य मापदण्डों की स्थिति में ज़बरदस्त सुधार हुआ है।यह संख्या सिंगापुर और लीबिया जैसे देशों की कुल आबादी के दोगुने से भी ज़्यादा है।

अखिल भारतीय राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4-(2015-16)में अलीराजपुर में गरीबों की संख्या 71.31 प्रतिशत थी जो एनएचएचएस-5 (2019-21)में घटकर 40.25% रह गई। इस प्रकार 31.5 प्रतिशत सुधार हुआ है। बड़वानी में 61.60 प्रतिशत से कम होकर 33.52 प्रतिशत रह गई है। इस प्रकार 28.08% का सुधार हुआ है। खंडवा में गरीबी का प्रतिशत 42.53 से कम होकर 15.15% पर आ गया है। इस प्रकार 27.38 प्रतिशत सुधार हुआ है। बालाघाट में 26.48 प्रतिशत और टीकमगढ़ में 26.33 प्रतिशत सुधार हुआ है।

देश में गरीबी में भारी कमी देखी गई है। पाँच सालों में गरीबी से बाहर आने वाले लगभग 135 मिलियन लोग हैं।वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक-2023 में यह् बात साफ हो गयी है कि देश में 15 वर्षों के भीतर 415 मिलियन लोग गरीबी से मुक्ति पा चुके हैं। स्पष्ट है कि जीवन स्तर की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक में स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर की गुणवत्ता की कमी का भी आकलन् किया गया है। इसके 12 मापदंड हैं। इसमें अखिल भारतीय राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आँकड़ों का भी उपयोग किया गया है। इन आंकड़ों को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के समन्वय से अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान द्वारा जारी किया जाता है।बहुआयामी ग़रीबी सूचकांक 2023 की रिपोर्ट एनएफएचएस 4 (2015-16) और एनएफएचएस 5 (2019-21)के बीच गरीबी में आए बदलाव को दिखाती है।

सतत विकास के लक्ष्यों में 2030 तक गरीबी को कम से कम आधा करना शामिल है। देश इस लक्ष्य को समय से पहले प्राप्त करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में जिस तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं और गरीबी पैदा करने वाली स्थितियों पर नियंत्रण पाया जा रहा है उससे गरीबी को समाप्त करने का लक्ष्य प्राप्त करने की पूरी संभावनाएँ बन रही हैं।

ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों में गरीबी में कमी

मध्यप्रदेश की ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों की आबादी में 20.58% की गिरावट आई है। एनएफएचएस 4 (2015-16) में यह 45.9% थी, जो एनएफएचएस-5 (2019-21)में कम होकर 25.32% तक आ गई है। गरीबी की तीव्रता भी 3.75% (47.57% से 43.82%) तक कम हो गई है और गरीबी सूचकांक 0.218 घटकर 0.111 लगभग आधा हो गया है।

शहरी गरीब आबादी में 6.62% की गिरावट आई है। एनएफएचएस 4 (2015-16) में यह 13.72%थी जो एनएफएचएस-5 (2019-21)में कम होकर 7.1% तक आ गई है। शहरी गरीबी की तीव्रता 2.11% (44.62% से 42.51%) तक कम हो गई है।

हर क्षेत्र में विकास से गरीबी में आई कमी

स्वच्छता में सबसे उल्लेखनीय सुधार हुआ है। स्वच्छता से वंचित लोगों में 19.81% प्रतिशत की कमी आई है। खाना पकाने के ईंधन से वंचित लोगों के अभाव में 16.28% की कमी, आवास से वंचित रहने वालों की संख्या में 15.12%, पोषण अभाव में रहने वालों की संख्या में 13.6% की कमी आई है। मातृ स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित लोगों की संख्या में 9.54% की कमी, पेयजल अभाव में 8.84% की कमी और आई है।

स्कूली शिक्षा के अभाव के वर्षों में 6.06% की कमी देखी गई है। बैंक खाते जैसी वित्तीय सुविधा से वंचित लोगों में 5.98% की कमी आई है। संपत्ति के अभाव में 5.68% की गिरावट आई है। भरपूर बिजली मिलने से बिजली की कमी नहीं रही । इसलिए बिजली की सुविधा से वंचित रहने वालों की संख्या में 5.6% की गिरावट आई है। स्कूल उपस्थिति में 2.48% की वृद्धि एवं बाल और वयस्क मृत्यु दर में 1.26% की गिरावट देखी गई है।

अलीराजपुर जिले में गरीबों का अनुपात सबसे अधिक 31.06 प्रतिशत कम हुआ है, जो 71.31 प्रतिशत से 40.25 प्रतिशत हो गया है। बड़वानी में 28.08 प्रतिशत कम हुआ, खंडवा में 27.38 प्रतिशत, बालाघाट में 26.47 प्रतिशत, टीकमगढ़ में 26.33 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है ।

बहुआयामी गरीब आबादी का अनुपात झाबुआ में 68.66% से गिरकर वर्तमान में 49.62% है, जो जिले के मल्टीडायमेंशनल पावर्टी से बचने वाली 19.24% आबादी को दर्शाता है। भोपाल जिले में यह अनुपात 12.66% से घटकर 6.75%, इंदौर में 10.76% से 4.93% घटकर 5.83% और जबलपुर में 19.5% से 14.78% हो गया है।

गरीबी की गहनता में कमी

अलीराजपुर जिले में गरीबी की गहनता में 9.29% की गिरावट दर्ज हुई है जो 57.06% से घटकर 47.77% हो गई है। बड़वानी जिले में 7.53% की गिरावट दर्ज हुई है जो 61.6% से घटकर 49.74% हुई, झाबुआ में 7.05% घटी, धार में 49.34% से 7.04% घटकर 42.3% हो गई, जबलपुर में 45.39% से 6.71% गिरकर 38.68% और सीहोर जिले में 46.5% से 6.38% घटकर 40.12% देखी गई है।

बहुआयामी गरीबी सूचकांक अलीराजपुर जिले में 0.407 से घटकर 0.192 हो गया है।यह 0.215 की गिरावट आधे से अधिक की कमी दिखाता है। इसके बाद बड़वानी जिले में 0.353 से घटकर 0.167, झाबुआ जिले में 0.385 से घटकर 0.243, खंडवा में 0.202 से घटकर 0.067, 0.135 की कमी आई है।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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