मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपीबीएसई) ने 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए गणित विषय के चयन में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब 11वीं कक्षा में गणित विषय का चयन करने के इच्छुक छात्रों को 10वीं की मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ-साथ विशेष गणित में पूरक परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को उनके शिक्षा जीवन में उच्चस्तरीय विशेषज्ञता दिलाना है। नई शिक्षा नीति के अनुरूप, एमपी बोर्ड ने गणित विषय को दो स्तरों में विभाजित कर दिया है, जो इस शिक्षा नीति के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम है।
मध्य प्रदेश बोर्ड के नवीनतम निर्देश
मध्य प्रदेश बोर्ड के अनुसार, जो छात्र 11वीं में गणित विषय का अध्ययन करना चाहते हैं, उन्हें न केवल 10वीं की परीक्षा में सफलता प्राप्त करनी होगी बल्कि विशेष गणित की पूरक परीक्षा भी उत्तीर्ण करनी होगी। यह विशेष गणित का पेपर, 10वीं के परिणामों के बाद आयोजित किया जाएगा। छात्रों को इस परीक्षा के लिए अलग से आवेदन करना होगा। एमपीबीएसई के सचिव, केडी त्रिपाठी ने इसे नई शिक्षा नीति के अनुरूप बताया है, जिसका उद्देश्य छात्रों को उनके रुचिकर क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्रदान करना है।
गणित का दो स्तरों में विभाजन: सामान्य और विशेष गणित
इस शिक्षा सुधार के तहत गणित विषय को दो भागों में बांटा गया है: सामान्य गणित और विशेष गणित। पहले केवल एक स्तर का गणित ही पढ़ाया जाता था, परंतु अब कक्षा 9 से इस नए पाठ्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को गणित के दोनों स्तरों से परिचित कराया जा रहा है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य उन छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए तैयार करना है, जिनकी भविष्य में गणित के उच्चतर अध्ययन में रुचि है। विशेष गणित उन छात्रों के लिए जरूरी होगा जो 11वीं कक्षा में गणित का अध्ययन करना चाहते हैं और आगे गणितीय या वैज्ञानिक क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं।
पूरक परीक्षा का महत्व और आवेदन प्रक्रिया
10वीं कक्षा के नियमित परीक्षा परिणाम आने के बाद, विशेष गणित की पूरक परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा के लिए छात्र ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। एमपी बोर्ड के अधिकारी बताते हैं कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य छात्रों को गहन अध्ययन के माध्यम से गणितीय समझ विकसित करना है, ताकि वे उच्च शिक्षा में गणित के कठिन विषयों का अध्ययन कर सकें।
पूरक परीक्षा में शामिल होने के लिए आवश्यक दस्तावेज़
पूरक परीक्षा के लिए पंजीकरण के समय छात्रों को निम्नलिखित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे:
- 10वीं का हॉल टिकट – जो छात्र की पहचान और रोल नंबर के प्रमाण के रूप में कार्य करेगा।
- अंक प्रमाण पत्र – परीक्षा के लिए अर्हता प्रमाणित करने के लिए।
- पंजीकरण शुल्क – पूरक परीक्षा में शामिल होने के लिए एक निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा।
नई शिक्षा नीति का उद्देश्य और इसके लाभ
नई शिक्षा नीति के अनुसार, यह सुधार छात्रों को प्रारंभिक स्तर पर उनकी पसंद के विषय में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर देता है। इसका उद्देश्य छात्रों को गणितीय अवधारणाओं में अधिक गहराई तक जाने और भविष्य में इंजीनियरिंग, विज्ञान, और अन्य गणितीय क्षेत्रों में कैरियर बनाने के लिए तैयार करना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति उन छात्रों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी जो गणित और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं।
कक्षा 11 में गणित विषय चयन करने का नया तरीका
यदि कोई छात्र 10वीं के बाद 11वीं में गणित विषय चुनना चाहता है, तो उसे विशेष गणित की परीक्षा में पास होना अनिवार्य है। यह परीक्षा नियमित बोर्ड परीक्षा की तुलना में कठिनाई स्तर में अधिक होगी और इसमें गणित के उन्नत प्रश्न पूछे जाएंगे। छात्रों को इस परीक्षा में शामिल होने के लिए नियमित अभ्यास और गणितीय कौशल का विकास करना होगा।
कक्षा 10 के छात्र कैसे करें विशेष गणित की तैयारी?
विशेष गणित की परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं:
- प्रतिदिन अभ्यास करें – रोजाना गणित के प्रश्नों का अभ्यास करने से विषय पर पकड़ मजबूत होती है।
- पिछले प्रश्नपत्रों का अध्ययन करें – पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करें जिससे परीक्षा में प्रश्नों के प्रकार और पैटर्न को समझने में सहायता मिलेगी।
- शिक्षकों से मार्गदर्शन लें – अपने शिक्षकों से परीक्षा की रणनीति पर चर्चा करें और उनकी सलाह का पालन करें।
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बोर्ड परीक्षाओं का कार्यक्रम
इस शैक्षणिक वर्ष के लिए 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 25 फरवरी से शुरू हो रही हैं। 10वीं में लगभग 9.43 लाख छात्र और 12वीं में लगभग 7 लाख छात्र इस परीक्षा में भाग लेंगे। छात्रों को अपनी तैयारी के दौरान ध्यान देना चाहिए कि विशेष गणित की परीक्षा के लिए उन्हें नियमित रूप से गणित के उन्नत स्तर पर काम करना होगा।